सीजी भास्कर, 06 अक्टूबर | Gariyaband Naxal Surrender: एक पुरुष और दो महिला नक्सली ने डाली हथियार
छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले से नक्सल मोर्चे पर एक बड़ी सफलता सामने आई है। (Gariyaband Naxal Surrender) के तहत एक पुरुष और दो महिला नक्सलियों ने हथियार छोड़कर मुख्यधारा में लौटने का फैसला लिया है। तीनों लंबे समय से गरियाबंद-धमतरी-नुआपाड़ा डिवीजन में सक्रिय थे और कई नक्सली घटनाओं में इनकी भूमिका रही है।
इनाम घोषित नक्सली रहे शामिल
आत्मसमर्पण करने वालों में नागेश नामक नक्सली ने एक देशी हथियार के साथ पुलिस के सामने सरेंडर किया। उसके साथ दो महिला नक्सली – जैनी और मनीला भी शामिल हैं। तीनों पर सरकार ने पहले से ही एक-एक लाख रुपए का इनाम घोषित कर रखा था। इनके बारे में बताया गया है कि ये 5 से 8 वर्षों से इलाके में सक्रिय थे और बड़े नक्सली लीडरों के करीबी सहयोगी के तौर पर काम कर रहे थे।
Gariyaband Naxal Surrender: समर्पण और पुनर्वास नीति का असर
तीनों नक्सलियों ने आत्मसमर्पण (Gariyaband Naxal Surrender) सरकार की समर्पण एवं पुनर्वास नीति के तहत किया है। अधिकारियों का कहना है कि यह कदम न केवल सुरक्षा बलों की रणनीति की सफलता है बल्कि सरकार की योजनाओं पर विश्वास का भी प्रमाण है। नक्सली हिंसा से प्रभावित क्षेत्रों में इस तरह के आत्मसमर्पण भविष्य में शांति स्थापना की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है।
अब तक 30 नक्सली छोड़ चुके हैं हिंसा का रास्ता
नक्सल उन्मूलन अभियान (Naxal Elimination Campaign) के तहत अब तक इस इलाके में 30 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं। हाल ही में हुए इस आत्मसमर्पण के बाद पुलिस और प्रशासन ने इसे बड़ी उपलब्धि माना है। अधिकारियों ने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में और भी नक्सली मुख्यधारा में लौटेंगे और हिंसा का रास्ता छोड़ देंगे।