गोवा में शनिवार देर रात हुए Goa Nightclub Fire Tragedy ने कई परिवारों की खुशियाँ निगल लीं। लेकिन इनमें सबसे ज्यादा दिल दहला देने वाली कहानी उस परिवार की है, जो घूमने-फिरने के उद्देश्य से गोवा पहुंचा था। महज दो दिन पहले घर से निकले इस परिवार की खुशियों पर ऐसी आग गिरी कि चार लोग हमेशा के लिए दुनिया छोड़ गए।
अचानक उठी लपटें और भागते लोग
अरपोरा इलाके के एक नाइट क्लब में जैसे ही आग भड़की, पूरा माहौल चीख-पुकार में बदल गया। कुछ ही सेकंड में धुआँ फैल गया, लोग दरवाजे की तरफ भागने लगे, और अंदर मौजूद कई लोगों को समझ ही नहीं आया कि आग ने पूरे परिसर को कब घेर लिया।
कहा जा रहा है कि तेज़ी से उठी लपटों ने (Fire Accident) को और भयावह बना दिया।
Goa Nightclub Fire Tragedy : पति का साहस, पत्नी की बची जान
गाजियाबाद की भावना अपने पति विनोद और तीन बहनों—अनीता, सरोज और कमला—के साथ क्लब में दाखिल हुई थीं। प्रवेश किए कुछ ही मिनट हुए थे कि अफरा-तफरी मच गई।
लपटें देखते ही विनोद ने तुरंत भावना को बाहर की तरफ धक्का दिया और कहा—“भागो… मैं आ रहा हूँ।”
भावना बाहर निकल तो गईं, पर उनके पीछे जो हुआ उसने उनकी दुनिया उजाड़ दी।
सालियों को बचाने की कोशिश ने ली चारों की जान
भावना को सुरक्षित बाहर निकाल चुका विनोद वापस क्लब के भीतर अपनी तीनों सालियों को संभालने दौड़ा। धुआँ घना था, आग फैल रही थी, और बाहर खड़ी भावना उनके फोन पर लगातार कॉल करती रहीं।
फोन की घंटी कई बार बजी, जिससे उन्हें उम्मीद बनी रही, लेकिन कुछ देर बाद अंदर से कोई आवाज़ नहीं आई।
विनोद और तीनों बहनें भीतर फंस गईं, और चारों की मौके पर ही जलकर मौत हो गई।
Goa Nightclub Fire Tragedy : पहचान की प्रक्रिया पूरी, कई राज्यों के लोग शामिल
अधिकारियों ने बताया कि मरने वालों में उत्तर प्रदेश, दिल्ली, उत्तराखंड, झारखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र और नेपाल के लोग शामिल थे।
इस सूची में भावना का पूरा परिवार भी दर्ज हो गया—ये वही परिवार था जो गोवा से यादें लेकर लौटना चाहता था, लेकिन अब सिर्फ राख और दर्द के साथ नाम दर्ज रह गया।
हादसे ने छोड़ी लंबी टीस, unanswered सवालों की भरमार
यह (Nightclub Disaster) सिर्फ एक आग नहीं थी, बल्कि कई घरों की रोशनी बुझा गई। लोग यह सवाल उठा रहे हैं कि सुरक्षा इंतज़ाम क्यों नाकाफी थे, बाहर निकलने के रास्ते पर्याप्त क्यों नहीं थे और आग बुझाने के उपाय इतने कमजोर कैसे रहे।


