सीजी भास्कर, 13 अक्टूबर। हरियाणा में आइपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार की मौत (Haryana IPS Suicide Case) के मामले ने तूल पकड़ लिया है। अधिकारी की पत्नी, आइएएस अमनीत पी. कुमार अब डीजीपी शत्रुजीत कपूर और रोहतक के पूर्व एसपी नरेंद्र बिजरानिया की गिरफ्तारी की मांग पर अड़ी हुई हैं। मामले में अब केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले को हस्तक्षेप करना पड़ा है, जिन्होंने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और अमनीत दोनों से मुलाकात कर विवाद सुलझाने की कोशिश की ।
अठावले ने कहा कि उनका उद्देश्य पूरन कुमार (Haryana IPS Suicide Case) के परिवार को न्याय दिलाना है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने स्पष्ट किया है कि परिवार को पूरा न्याय मिलेगा, लेकिन पहले पोस्टमार्टम कराना जरूरी है। पूरन कुमार का शव सात दिन से पोस्टमार्टम के बिना रखा हुआ है। बताया जा रहा है कि पूरन कुमार के अंतिम नोट में मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी और डीजीपी शत्रुजीत कपूर समेत 15 उच्च अधिकारियों के नाम दर्ज हैं ।
हरियाणा सरकार के सामने संकट यह है कि यदि एक या दो अधिकारियों को निलंबित या गिरफ्तार किया गया, तो बाकी के खिलाफ भी यही मांग उठेगी, जो फिलहाल संभव नहीं है। रविवार को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कहा गया कि सरकार पूरी तरह परिवार के साथ है, लेकिन पहले पोस्टमार्टम जरूरी है। मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, चाहे वह किसी भी पद पर हो, कार्रवाई की जाएगी।
सूत्रों के अनुसार, अमनीत के भाई और पंजाब के बठिंडा से आम आदमी पार्टी के विधायक अमित रतन कोटफत्ता इस प्रकरण में मुख्य भूमिका निभा रहे हैं और परिवार को किसी समझौते के लिए तैयार नहीं होने दे रहे। अधिकारियों ने सीएम को रिपोर्ट दी है कि अमनीत मानसिक रूप से अत्यधिक तनाव में हैं और फिलहाल स्वयं निर्णय लेने की स्थिति में नहीं हैं।
सरकार अलर्ट, आंदोलन की आशंका
पूरन कुमार की मौत (Haryana IPS Suicide Case) के मामले में गठित न्याय मोर्चे का 48 घंटे का अल्टीमेटम मंगलवार शाम समाप्त हो रहा है। रविवार को चंडीगढ़ में हुई महापंचायत में फैसला लिया गया था कि यदि तब तक कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन छेड़ा जाएगा। अब इस स्थिति को देखते हुए पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। शहर के संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त बल की तैनाती की गई है और प्रशासन सतर्क मोड पर है ।