राजस्थान , 18 अप्रैल 2025 :
Rajasthan Heatwave: राजस्थान में भीषण गर्मी में लोगों को राहत दिलाने के लिए सरकार की तरफ से पुख्ता इंतजाम नहीं किए जाने पर हाई कोर्ट ने गहरी नाराजगी जताई है. राजस्थान हाई कोर्ट ने इस मामले में सुओ मोटो (स्वत: संज्ञान) लेते हुए अफसरों को फटकार लगाई है. कोर्ट ने पिछले साल जारी किए गए दिशा निर्देशों पर अमल नहीं होने पर चिंता जताई है.
हाई कोर्ट ने इस मामले में तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा, ऐसा लगता है कि अधिकारी खुद को कानून से ऊपर मानते हैं, लेकिन कोर्ट इस मामले में आंख बंद कर नहीं बैठ सकता. इंसानों के साथ जानवरों जैसा व्यवहार कतई नहीं किया जा सकता.”
‘कोऑर्डिनेशन कमेटी गठित करें’
हाई कोर्ट ने राजस्थान सरकार को पिछले साल जारी किए गए दिशा निर्देशों का पालन कराने और भीषण गर्मी से लोगों को राहत दिलाने व बचाव करने के लिए एक कोऑर्डिनेशन कमेटी गठित करने का आदेश दिया है. इसके साथ ही एक विस्तृत कार्य योजना तैयार करने को भी कहा है.
अदालत ने केंद्र और राजस्थान के दस अधिकारियों को नोटिस जारी कर उनसे जवाब देने को भी कहा है. मामले की सुनवाई जस्टिस अनूप कुमार ढड की सिंगल बेंच में हुई. कोर्ट ने कहा है कि हीट स्ट्रोक और लू से लोगों की जिंदगी बचाना एक बड़ी चुनौती है. कोर्ट ने 24 अप्रैल तक अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है. सभी जिलों के डीएम को अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करनी होगी.
‘12:00 बजे से 3:00 तक आराम करने की छूट दें’
हाई कोर्ट ने सुझाव दिया है कि खुले में काम करने वाले मजदूर रिक्शा चालकों, कुलियों व अन्य लोगों को दोपहर में 12:00 बजे से 3:00 तक आराम करने की छूट देनी चाहिए. अदालत ने अपने फैसले में यह भी कहा है कि सरकार इस बारे में बजट की कमी का बहाना नहीं कर सकती. सरकार अगर अपने प्रचार प्रसार पर करोड़ों रुपये खर्च कर सकती है तो लोगों की जिंदगी बचाने के लिए बजट क्यों नहीं जारी हो सकता.
गौरतलब है कि राजस्थान हाई कोर्ट ने पिछले साल 31 मई को सुओ मोटो लेते हुए लोगों को गर्मी से राहत दिलाने के लिए तमाम जरूरी दिशा निर्देश जारी किए थे. हाई कोर्ट ने हैरानी जताते हुए कहा है कि 10 महीने बाद भी पिछले आदेश का अनुपालन नहीं होना चिंता की बात है. कोर्ट ने इस मामले में कुछ वकीलों को नामित कर उनसे अदालत का सहयोग करने को कहा है.