रायपुर। राजधानी में एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। खुद को पुलिसकर्मी बताकर कारोबारी से पैसे वसूलने वाले युवक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी की पहचान आशीष घोष उर्फ आशीष शर्मा के रूप में हुई है, जो भाठागांव का रहने वाला है।
कैसे हुआ पूरा खुलासा?
पुलिस के अनुसार, आरोपी जेल रोड स्थित एक होटल में पहुंचा और खुद को क्राइम ब्रांच का सिपाही बताने लगा। उसने होटल प्रबंधन और कारोबारी को धमकाते हुए कहा कि “ड्रग्स केस में गिरफ्तार नव्या मलिक ने आपका नाम लिया है। अगर कार्रवाई से बचना है तो 5 लाख रुपये देने होंगे।”
होटल प्रबंधन ने तुरंत इसकी सूचना वरिष्ठ अधिकारियों को दी। सीसीटीवी फुटेज से आरोपी की पहचान हुई और पुलिस ने उसे मौके से ही गिरफ्तार कर लिया।
घर से मिला भारी माल
आरोपी के घर और गाड़ी की तलाशी में पुलिस को चौंकाने वाले सबूत मिले।
- नकदी के बंडल
- पुलिस ड्यूटी चार्ट और गश्त प्वाइंट से जुड़े दस्तावेज
- फर्जी एसीबी-ईओडब्ल्यू का आईकार्ड
- सायरन लगी कार
इसके अलावा आरोपी के मोबाइल की जांच भी जारी है।
थानों में बैठकर करता था चालाकी
पुलिस की जांच में खुलासा हुआ कि आशीष पहले कोतवाली, तेलीबांधा और हाल ही में गंज थाने में जाकर बैठता था। वहां आने वाले फरियादियों से बातचीत करता और खुद को पुलिसकर्मी की तरह पेश करता।
यहां तक कि पुलिस की गाड़ियों में घूमना और पेट्रोलिंग करना भी उसका रोज़ाना का काम बन गया था।
अधिकारियों से करीबी और पोस्टिंग में दखल
आरोपी के कई बड़े पुलिस अधिकारियों से करीबी संबंध थे। वह उनके घरों पर भी आता-जाता था और गाड़ियों में सवार होकर घूमता था। आरोप है कि उसने कई सिपाहियों और हवलदारों की पोस्टिंग भी पैसों के बदले कराई थी।
इतना ही नहीं, वह क्राइम ब्रांच में तैनात कुछ पुलिसकर्मियों से हर महीने वसूली करता था। पैसे न देने वालों को धमकी देता कि उन्हें क्राइम ब्रांच से हटवा देगा।
पुलिस ने शुरू की संरक्षण की जांच
एसएसपी डॉ. लाल उमेद सिंह ने बताया कि यह जांच की जा रही है कि आरोपी को किसका संरक्षण प्राप्त था और उसके पास सरकारी दस्तावेज कैसे पहुंचे। अगर किसी अधिकारी की संलिप्तता सामने आती है तो विभागीय कार्रवाई की जाएगी।