सीजी भास्कर, 13 जून। हनीमून मनाने सिक्किम गया यूपी के प्रतापगढ़ का एक नवविवाहित कपल हादसे का शिकार हो गया है। बताया जा रहा रहा है कि कपल का वाहन गहरी खाई में गिरने के बाद तीस्ता नदी में समा गया।
उनके साथ वाहन में और भी कई लोग सवार थे। फिलहाल, पिछले दो हफ्ते से इस कपल की तलाश की जा रही है, लेकिन अभी तक उनका कोई पता नहीं चल सका है। परिजन थक हार कर सिक्किल के मंगन जिले से वापस अपने घर लौट आए हैं।
उनका कहना है कि ‘अब सिर्फ भगवान का ही सहारा है. बेटे-बहू की सलामती की कामना करते हुए एक धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किया है।
आपको बता दें कि बेटे कौशलेंद्र प्रताप सिंह और बहू अंकिता सिंह की तलाश में सिक्किम गए पिता शेर बहादुर रिश्तेदारों संग मंगलवार की शाम प्रतापगढ़ लौटे। उनके घर पहुंचते ही मातमी सन्नाटा टूट पड़ा।
परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। शेर बहादुर ने कहा कि हमने सिक्किम के डीजीपी से लेकर राज्यपाल तक से बात की. हादसे वाले जिले मंगन के एसपी से भी बात हुई।
फिलहाल, सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस-प्रशासन की टीमें तीस्ता नदी और उसके आसपास के इलाके में सर्च ऑपरेशन चला रही हैं। लेकिन खराब मौसम उनके काम में बाधा बन रहा है। दूसरे यात्रियों का सामान- बैग, पर्स, कपड़े आदि बरामद हुआ है, लेकिन अभी तक कौशलेंद्र-अंकिता का कोई सुराग नहीं मिला है।
जानिए पूरी कहानी
प्रतापगढ़ के उदयपुर के राहाटीकर गांव निवासी 32 वर्षीय कौशलेंद्र प्रताप सिंह और उनकी पत्नी अंकिता 25 मई को हनीमून के लिए सिक्किम गए थे। 29 मई को जब वे गंगटोक से लौट रहे थे, तभी मुंशीथांग इलाके में पर्यटकों से भरी एक वैन 1000 फीट गहरी खाई में गिरकर तीस्ता नदी में समा गई।
हादसे में दो लोगों को जिंदा निकाला गया, जबकि आठ पर्यटक लापता हैं, जिनमें कौशलेंद्र और अंकिता भी शामिल हैं।
बेटे-बहू के लापता होने की सूचना मिलते ही पिता शेर बहादुर सिंह, बहू के भाई सौरभ सिंह, चाचा और अन्य रिश्तेदार गंगटोक पहुंचे।
उन्होंने घटनास्थल पर पहुंचकर सेना, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के राहत कार्यों को देखा। खराब मौसम के चलते कई दिनों तक सर्च ऑपरेशन प्रभावित रहा।
पिता शेर बहादुर ने बताया कि हादसे के बाद गाड़ी को निकालने के लिए रेस्क्यू किया जा रहा था लेकिन बीच में ही रेस्क्यू छोड़कर सीआरएफ की टीम वापस चली गई थी।
दूसरे दिन जब ऑपरेशन शुरू हुआ तो गाड़ी भी गायब हो गई और टीम भी नहीं दिखाई दी। उन्होंने सिक्किम सरकार पर निशाना साधा और कहा कि 22 मई को मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी किया था।
इसके बावजूद भी पर्यटकों के जान से खिलवाड़ किया गया और उन्हें बाकायदा पास देकर रात में ऐसे स्थान पर भेजा गया जहां अलर्ट जारी था।