सीजी भास्कर, 9 जुलाई |
छत्तीसगढ़ में पिछले पांच दिनों से लगातार हाे रही बारिश से प्रदेश के कई जिलों में नदी-नाले उफान पर हैं। रायपुर में देर रात से पानी बरस रहा है, जिससे सड़काें पर पानी भर गया है। इस बीच मौसम विभाग ने रायपुर-बिलासपुर समेत 12 जिलों में भारी बारिश के साथ अचानक बाढ़ आने की आशंका जताई है। इंद्रावती नदी के तेज बहाव में नाव पलटने से एक शख्स लापता है। एक व्यक्ति चट्टान पर फंसा हुआ है।
वहीं लगातार बारिश से राजिम में महानदी का जलस्तर बढ़ने से त्रिवेणी संगम स्थित कुलेश्वर महादेव की सीढ़ियां डूब गई हैं। रायगढ़ में केलो नदी का जलस्तर बढ़ने से डैम के 2 गेट खोले गए हैं। बता दें कि रायपुर में पिछले दो दिनों में 140 MM पानी गिर चुका है। अगले दो दिन बिलासपुर, दुर्ग और रायपुर संभाग के जिलों में बारिश का दौर जारी रह सकता है।
आज (बुधवार) राजनांदगांव, बालोद, दुर्ग, धमतरी,गरियाबंद, महासमुंद और बलौदाबाजार समेत 7 जिलों में ऑरेंज अलर्ट है। रायपुर, कोरबा, कबीरधाम, रायगढ़, सूरजपुर, बलरामपुर सहित प्रदेश के 21 जिलों में यलो अलर्ट है। वहीं पांच जिलों में मौसम सामान्य रहेगा।
इंद्रावती नदी में नाव पलटी, ग्रामीण लापता
दंतेवाड़ा जिले से होकर बहने वाली इंद्रावती नदी में बुधवार सुबह एक नाव पलट गई है।हादसे में एक व्यक्ति लापता है वहीं दूसरा चट्टानों के बीच फंसा हुआ है। बाजार से लौटते वक्त हादसा हुआ है। मामला बारसूर थाना क्षेत्र का है।
ग्रामीण बारसूर के पास स्थित मंगनार के रहने वाले हैं। जो नाव के सहारे बोधघाट बाजार गए हुए थे। लौटते वक्त इंद्रावती और गुडरा नदी के संगम में तेज बहाव के चलते इनकी नाव पलट गई। नाव में कितने लोग सवार थे ये अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है। फिलहाल पुलिस और प्रशासन की टीम को खबर कर दी गई है।
इससे पहले रायपुर, बिलासपुर, बलौदाबाजार, दुर्ग में मंगलवार को जमकर बारिश हुई। बिलासपुर में कई निचले इलाकों के घरों और बस्तियों में पानी भर गया।
इसके साथ ही बस्तर के कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में स्थित तीरथगढ़ वाटरफॉल पूरे शबाब पर है। वाटरफॉल का खूबसूरत नजारा देखने पर्यटकों की भीड़ उमड़ रही है। लोग जान जोखिम में डालकर वाटरफॉल के नजदीक जाकर फोटोशूट करवा रहे हैं।
16 पिलरों पर कूद-कूदकर नदी पार कर रहे ग्रामीण
कांकेर जिले में 4 गांवों के लिए बारिश मुसीबत बन गई है। ग्रामीणों को आवागमन के लिए नदी पर बने स्टॉप डेम का सहारा लेना पड़ता है। वे 16 पिलरों पर कूद-कूदकर नदी पार कर रहे हैं, जिसका वीडियो सामने आया है। स्कूली बच्चों को भी इसी खतरनाक रास्ते से गुजरना पड़ता है।
जिला मुख्यालय से 45 किलोमीटर दूर बांसकुंड, ऊपर तोनका, नीचे तोनका और चलाचूर गांव के 500 से अधिक लोग बारिश की वजह से परेशान हैं। यहां चिनार नदी पर पुल नहीं बना है। ग्रामीण डैम के पिलरों को कूद-कूदकर नदी पार करने को मजबूर हैं।