सीजी भास्कर 25 जून जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश हो रही है. मौसम विभाग की ओर से अगले पांच दिन के लिए यहां आंधी और बारिश का अलर्ट जारी किया है. ऐसे में लगातार हो रही भारी बारिश की वजह से भूस्खलन हो गया. भूस्खलन की वजह से वैष्णो देवी यात्रा प्रभावित हुई. क्योंकि बारिश की वजह से वैष्णो देवी जाने वाले हिमकोटी मार्ग पर मलबा आने की वजह से कुछ समय के लिए रास्ते को बंद कर दिया गया था.भूस्खलन की वजह से बैटरी-केबल कार और हेलीकॉप्टर सेवाएं तक सस्पेंड कर दी गई थीं.
ऐसे में वैष्णो देवी यात्रा पर जाने वाले लोगों को कुछ समय के लिए परेशानी का सामना करना पड़ा. हालांकि एक से डेढ़ घंटे बाद ही मलबे को साफ कर दिया गया और रास्ते को खोल दिया गया था. इस तरह यात्रा फिर से पहले की तरह दोबारा से शुरू हो गई थी. इसके अलावा वैष्णो देवी यात्रा का दूसरा मार्ग भी खुला था और लोग वहां से यात्रा भी कर रहे थे.30 फीट के रास्ते पर गिरा मलबाजिस समय हिमकोटी पर भूस्खलन की घटना हुई. उस वक्त राहत की बात ये रही कि मार्ग पर कोई भी यात्री नहीं था, जिसके चलते कोई बड़ा हादसा होने से बच गया. अधिकारियों ने बताया कि हिमकोटी मार्ग पर सत्य व्यू पॉइंट के पास मंगलवार को दोपहर के समय भूस्खलन हुआ था. करीबन 30 फीट का रास्ता पत्थर और मलबे की वजह से बाधित हुआ था, जिसे तुरंत साफ करा दिया गया और एक-डेढ़ घंटे में ही सेवाएं फिर से बहाल कर दी गईं.
अब हालात सामान्य हैं और यात्रा चल रही है.13 किलोमीटर का सफर तयमाता वैष्णो देवी मंदिर जाने के लिए तीर्थयात्रियों को कटरा से 13 किलोमीटर का सफर तय करना होता है. इसमें दो रास्ते हैं. इनमें पहले रास्ता कटरा से बाणगंगा, फिर चरण पादुका, फिर अर्धकुंवारी, फिर हिमकोटी, फिर सांझीछत और आखिर में मंदिर ले जाता है. दूसरा रास्ता भी कटरा से शुरू ही होता है, लेकिन यह ताराकोट मार्ग से सांझी छत तक जाता है. इसी सफर को पूरा करने के लिए कई बार लोग बैटरी-केबल कार और हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल भी करते हैं.
लेकिन भूस्खलन के चलते सड़क मार्ग बंद हुआ था.6 दिन से हेलीकॉप्टर सेवा बंदवहीं कोहरे की वजह से हेलीकॉप्टर सेवाएं भी बंद कर दी गई थीं. हेलीकॉप्टर सेवाएं पिछले 6 दिन से नहीं चल रही हैं. खराब मौसम की वजह से यात्रा करने में लोगों को खासी परेशानी झेलने पड़ रही हैं. इसके बावजूद लोग अपने परिवार के साथ माता वैष्णो देवी मंदिर पहुंच रहे हैं. हालांकि तीर्थयात्रियों से प्रशासन की ओर से अपील की गई है कि वह भूस्खलन वाले क्षेत्रों में न रुके और सावधानी से यात्रा करें. हालांकि हर सेंसिटिव जगह पर सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है.