सीजी भास्कर, 17 अप्रैल। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के पति और बिजनेसमैन रॉबर्ट वाड्रा को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने हरियाणा लैंड स्कैम से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आज 17 अप्रैल को फिर से पूछताछ के लिए बुलाया है।
इससे पहले भी ईडी ने मंगलवार और बुधवार को रॉबर्ट वाड्रा से कई घंटों तक सवाल-जवाब किए थे। ईडी की पूछताछ से पहले रॉबर्ट वाड्रा से जब पूछा गया कि क्या वो राजनीति में आएंगे, तो उन्होंने इस सवाल का जवाब दिया और बताया की वह कब राजनीति में कदम रख सकते हैं।
राजनीति में एंट्री को लेकर कही ये बात : राजनीति में आने को लेकर रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि –
“भाजपा सिर्फ इस मामले को लेकर राजनीति कर रही है। देश की जनता सब समझती है। मैंने ईडी के हर सवाल का जवाब दिया है। मैं ऐसा इंसान हूं कि जितना मुझे दबाया जाता है, मैं उतना ही और मजबूत होकर सामने आता हूं। मैं लोगों की आवाज उठाना कभी बंद नहीं करूंगा।
जब से मैंने कहा है कि मैं राजनीति में आऊंगा, तभी से भाजपा ने मेरे खिलाफ नीची राजनीति शुरू कर दी है। लोग चाहते हैं कि मैं राजनीति में आऊं। मैं जरूर राजनीति में आऊंगा और कांग्रेस को मजबूत करूंगा। मैं जनता की बात उठाना बंद नहीं करूंगा। एजेंसियों का गलत तरीके से इस्तेमाल किया जा रहा है।”
ED की पूछताछ पर दिया जवाब : ईडी के समन और पूछताछ को लेकर रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि “पूछताछ अभी भी चल रही है। ये वही पुराने सवाल हैं जिनका जवाब मैं 2019 में दे चुका हूं। इनका कोई ठोस आधार नहीं है। मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है।
खुद भाजपा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मुझे इस मामले में दो बार क्लीन चिट दी थी तो अब मुझे क्यों बुलाया जा रहा है? उसी दिन जब नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई तो ये सब भाजपा का राजनीतिक प्रचार और ईडी का गलत इस्तेमाल लगता है।”
इन मामलों में हो रही है पूछताछ : ईडी रॉबर्ट वाड्रा से जिस मामले में पूछताछ कर रही है, वह साल 2018 से जुड़ा है। यह केस गुरुग्राम के तौरू इलाके के रहने वाले सुरेंद्र शर्मा की शिकायत पर दर्ज हुआ था। उन्होंने 1 सितंबर 2018 को खेरकी दौला थाने में मामला दर्ज कराया था।
शिकायत के मुताबिक, रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी ने कुछ और लोगों के साथ मिलकर धोखाधड़ी की. इस मामले में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को भी आरोपी बनाया गया है। इस केस में आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी), 120 (साजिश), 467, 468 और 471 के तहत केस दर्ज है, बाद में इसमें धारा 423 भी जोड़ी गई।
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि फरवरी 2008 में वाड्रा की कंपनी ने गुरुग्राम के शिकोहपुर में 3.5 एकड़ जमीन ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज से 7.5 करोड़ रुपये में खरीदी। जब कंपनी को इस जमीन पर कमर्शियल प्रोजेक्ट का लाइसेंस मिल गया, तो उसी जमीन को उन्होंने डीएलएफ कंपनी को 58 करोड़ रुपये में बेच दिया। ईडी इस डील में पैसों के लेन-देन और अनियमितताओं की जांच कर रही है।