सीजी भास्कर, 02 अक्टूबर। कोतबा-लवाकेरा मार्ग पर अब ग्रामीणों को राहत मिलने वाली है। यहां कोकिया नाला पर उच्च स्तरीय पुल एवं पहुंच मार्ग निर्माण के लिए शासन से 4 करोड़ 14 लाख रुपए की प्रशासनिक स्वीकृति प्राप्त हुई है। यह परियोजना लंबे समय से स्थानीय लोगों की मांग रही थी। खासकर बरसात के दिनों में जब नाला उफान पर होता था तो जर्जर और सकरे पुल के कारण लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता था। अब (High Level Bridge Construction) की मंजूरी मिलने से आवागमन सुरक्षित और सुगम होगा।
इस मार्ग का महत्व सिर्फ स्थानीय स्तर पर ही नहीं बल्कि क्षेत्रीय स्तर पर भी है। यह मार्ग सीधे छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले को झारखंड और ओडिशा से जोड़ता है। वर्तमान में पुराने पुल की स्थिति जर्जर थी और कई बार दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती थी। नाले में पानी बढ़ने पर स्कूल जाने वाले बच्चों, मरीजों और किसानों को सबसे ज्यादा समस्या होती थी। नये उच्च स्तरीय पुल के निर्माण से इन सभी समस्याओं का स्थायी समाधान होगा। (High Level Bridge Construction)
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सराईटोली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान इस पुल निर्माण की घोषणा की थी। घोषणा पूरी होने के बाद अब जशपुर जिले के विकास की दिशा में यह एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। पुल बनने से तीन राज्यों के बीच संपर्क और भी मजबूत होगा। व्यापार, कृषि उपज, स्वास्थ्य सेवाएं और शिक्षा सुविधाओं के लिए यह मार्ग अहम भूमिका निभाएगा। आपातकालीन सेवाएं जैसे एंबुलेंस और अग्निशमन वाहन भी अब बिना किसी रुकावट के गुजर सकेंगे।
ग्रामीणों का कहना है कि कोकिया नाला में (High Level Bridge Construction) से उनकी वर्षों पुरानी मांग पूरी हो रही है। अब किसान अपनी उपज आसानी से मंडियों तक ले जा पाएंगे। वहीं व्यापारी भी परिवहन सुगम होने से लाभान्वित होंगे। यह पुल जशपुर जिले को विकास की नई राह पर ले जाएगा।
जशपुर जिले के नागरिकों ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के इस निर्णय पर आभार जताया है। उनका मानना है कि यह सौगात क्षेत्र की प्रगति में मील का पत्थर साबित होगी। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह पुल सिर्फ एक निर्माण परियोजना नहीं है, बल्कि यह पूरे इलाके की जीवन रेखा है, जिससे गांव-गांव की कनेक्टिविटी बेहतर होगी। (High Level Bridge Construction)
इस परियोजना के पूरे होने से आने वाले वर्षों में क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। निर्माण कार्य से स्थानीय लोगों को अस्थायी रोजगार मिलेगा और भविष्य में बेहतर सड़क संपर्क से छोटे उद्योगों और कारोबारों को भी बढ़ावा मिलेगा। यह पुल विकास और सुविधा दोनों की नई पहचान बनेगा।