पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Hindi Diwas Mamata Banerjee Statement) ने 14 सितंबर को देशवासियों को हिंदी दिवस की बधाई दी। इस मौके पर उन्होंने राज्य सरकार की ओर से हिंदी समेत अन्य भाषाओं के विकास के लिए उठाए गए कदमों का जिक्र किया। ममता ने कहा कि जिन इलाकों में 10 प्रतिशत से अधिक लोग हिंदी बोलते हैं, वहां हिंदी को सरकारी भाषा का दर्जा दिया गया है।
विभिन्न भाषाओं को मान्यता
सीएम ममता बनर्जी (Mamata Banerjee on Languages) ने बताया कि राज्य में हिंदी के साथ-साथ संथाली, कुरुख, कुड़माली, नेपाली, उर्दू, राजवंशी, कामतापुरी, उड़िया, पंजाबी और तेलुगु जैसी भाषाओं को भी मान्यता दी गई है। उन्होंने कहा कि सादरी भाषा को बढ़ावा देने की दिशा में भी सरकार लगातार काम कर रही है।
शिक्षा में हिंदी को बढ़ावा
Hindi Diwas Mamata Banerjee Statement के दौरान मुख्यमंत्री ने शिक्षा क्षेत्र में हिंदी भाषा को मजबूत बनाने की योजनाओं का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि हावड़ा में हिंदी विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है। इसके अलावा बानारहाट और नक्सलबाड़ी में हिंदी माध्यम डिग्री कॉलेज खोले गए हैं। कई कॉलेजों में हिंदी में पोस्टग्रेजुएट कोर्स शुरू हो चुके हैं और उच्च माध्यमिक परीक्षा के प्रश्नपत्र अब हिंदी में भी उपलब्ध हैं। साथ ही रवीन्द्र मुक्त विद्यालय के छात्रों को हिंदी में परीक्षा देने की सुविधा दी गई है।
हिंदी भाषी समुदाय के लिए योजनाएं
ममता बनर्जी ने कहा कि असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले हिंदी भाषी समुदाय (Hindi Speaking Community) के लिए मुफ्त सामाजिक सुरक्षा योजनाएं शुरू की गई हैं। गंगासागर मेले के लिए बेहतर आधारभूत ढांचा तैयार किया गया है। इसके साथ ही छठ पूजा के महत्व को ध्यान में रखते हुए दो दिन का सरकारी अवकाश भी घोषित किया गया है।
76वीं वर्षगांठ पर संदेश
Hindi Diwas Mamata Banerjee Statement का विशेष महत्व इस वर्ष इसलिए भी है क्योंकि 14 सितंबर 2025 को हिंदी दिवस की 76वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है। 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने हिंदी को देवनागरी लिपि में संघ की राजभाषा के रूप में मान्यता दी थी। ममता बनर्जी ने कहा कि हिंदी सिर्फ एक भाषा नहीं, बल्कि विविधता में एकता का प्रतीक है।