बिलासपुर | 29 जुलाई 2025 —
दुर्ग जिले के खुर्सीपार इलाके में होली के जश्न के दौरान हुए विवाद में चाकूबाजी के मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने आरोपी युवक को नियमित ज़मानत दे दी है। हाईकोर्ट ने यह फैसला दोनों पक्षों की क्रॉस FIR और घटनास्थल की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए दिया।
क्या हुआ था होली वाले दिन?
14 मार्च 2025 को होली के अवसर पर मोहल्ले में डीजे और नाच-गाना चल रहा था। इसी दौरान किसी बात को लेकर धक्का-मुक्की हुई, और फिर अचानक मामला इतना बिगड़ गया कि एक युवक ने तीन लोगों पर चाकू से हमला कर दिया।
वहीं दूसरी ओर, दूसरी FIR में दावा किया गया कि आरोपी युवक को भीड़ ने पकड़कर एक घर में ले जाकर बुरी तरह पीटा और चाकू मारा। यानी घटना में दोनों ओर से मारपीट और हमले के आरोप सामने आए।
पुलिस और कोर्ट में क्या हुआ?
पुलिस ने मामले में IPC की धारा 109 और Arms Act की धाराएं 25, 27 के तहत अपराध दर्ज कर चार्जशीट पेश की। आरोपी युवक घटना के बाद से ही न्यायिक हिरासत में था।
मामले की सुनवाई छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के माननीय मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा की एकल पीठ में हुई। ज़मानत याचिका पर अधिवक्ता अनादि शर्मा ने पक्ष रखते हुए अदालत के सामने ये बिंदु रखे:
विवाद होली के भीड़-भाड़ वाले माहौल में हुआ था,
आरोपी स्वयं भी घायल हुआ था, यानी वह रक्षात्मक भूमिका में था,
दोनों पक्षों ने क्रॉस FIR दर्ज कराई है, जिससे आपसी झगड़ा प्रतीत होता है,
चाकू की बरामदगी को लेकर पुलिस की रिपोर्ट में विरोधाभास हैं,
आरोपी का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है और चार्जशीट पहले ही पेश की जा चुकी है।
हाईकोर्ट का फैसला:
सभी तथ्यों पर गौर करते हुए कोर्ट ने कहा कि आरोपी को जेल में रखने का अब कोई तर्कसंगत कारण नहीं है। इसलिए उसे नियमित ज़मानत दी जाती है।