अस्पताल में दर्दनाक हादसा
मुजफ्फरपुर (बिहार) में Hospital Negligence (अस्पताल लापरवाही) का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। तुर्की थाना क्षेत्र के मनरिया स्थित आरडीजेएम अस्पताल की तीसरी मंजिल से गिरने के बाद एक मरीज की मौत हो गई।
मृतक की पहचान हरेंद्र राम (निवासी – सकरा प्रखंड, बरियारपुर) के रूप में हुई है। घटना के बाद अस्पताल प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
शौच के लिए निकले थे मरीज
जानकारी के अनुसार, हरेंद्र राम पिछले कई दिनों से आरडीजेएम अस्पताल के मानसिक रोग वार्ड (Psychiatric Ward) में भर्ती थे। रविवार सुबह वह शौच के लिए कमरे से बाहर निकले, लेकिन लंबे समय तक वापस नहीं लौटे।
परिजनों और स्टाफ ने खोजबीन शुरू की। जब तीसरी मंजिल से नीचे झांका गया तो देखा गया कि एक व्यक्ति कचरे के ढेर पर पड़ा है। नज़दीक जाकर पुष्टि हुई कि वह हरेंद्र राम ही थे।
देर से मिली सूचना
सबसे हैरानी की बात यह रही कि मरीज की मौत की सूचना अस्पताल प्रशासन को काफी देर से मिली। शव लंबे समय तक अस्पताल के पीछे कचरे के ढेर पर पड़ा रहा।
परिजन और स्थानीय लोग लगातार शोर मचाते रहे, तब जाकर प्रबंधन हरकत में आया। बाद में पुलिस को जानकारी दी गई और शव को पोस्टमार्टम के लिए एसकेएमसीएच भेजा गया।
परिजनों का गंभीर आरोप
मृतक के परिवार ने Hospital Negligence (अस्पताल लापरवाही) का आरोप लगाते हुए कहा कि मानसिक वार्ड में भर्ती मरीजों की विशेष देखरेख होनी चाहिए थी।
लेकिन पर्याप्त निगरानी न होने के कारण यह हादसा हुआ। घटना के बाद परिवार में कोहराम मच गया। लोगों का कहना है कि अस्पताल प्रशासन की लापरवाही ने हरेंद्र राम की जान ले ली।
पुलिस जांच में जुटी
तुर्की थानाध्यक्ष राहुल कुमार ने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है। फिलहाल मृतक के परिजनों की ओर से कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है।
आवेदन मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। वहीं, स्थानीय लोगों ने भी इस हादसे की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।
निगरानी व्यवस्था पर सवाल
विशेषज्ञों का मानना है कि मानसिक रोग वार्ड में भर्ती मरीजों की लगातार निगरानी होनी जरूरी है, ताकि वे खुद को या दूसरों को नुकसान न पहुंचा सकें।
इस मामले में सुरक्षा व्यवस्था और मॉनिटरिंग की भारी कमी साफ नज़र आई। यही कारण है कि अब अस्पताल प्रशासन की जिम्मेदारी पर बड़े सवाल उठने लगे हैं।