सीजी भास्कर, 7 नवंबर। छत्तीसगढ़ के कोरबा (Hospital Negligence Korba) जिले में तीन साल पहले हुए एक दर्दनाक मामले में आखिरकार कार्रवाई हुई है। पथरी जैसे मामूली मर्ज के इलाज के दौरान अस्पताल में एक ग्रामीण की मौत हो गई थी, लेकिन जांच रिपोर्ट आने में तीन साल का वक्त लग गया। अब जाकर पुलिस ने अस्पताल संचालक और स्टाफ (Hospital Negligence Korba) के खिलाफ लापरवाही से मौत का मामला दर्ज किया है।
यह घटना 13 मार्च 2022 की है। ग्राम करनौद (थाना बम्हनीडीह, जिला जांजगीर-चांपा) के निवासी संतोष कुमार डनसेना (47 वर्ष) को रामपुर स्थित जेके अस्पताल (Hospital Negligence Korba) में भर्ती कराया गया था। शाम 5:32 बजे इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। परिजनों का आरोप था कि गलत इंजेक्शन लगाए जाने से मरीज की हालत अचानक बिगड़ गई, जिससे कुछ ही मिनटों में उसकी मौत हो गई।
तीन डॉक्टरों की जांच टीम ने की पुष्टि
मृतक के परिजनों ने घटना की शिकायत तत्कालीन रामपुर पुलिस चौकी (अब सिविल लाइन थाना) में दर्ज कराई थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने जांच के लिए तीन सदस्यीय चिकित्सक टीम गठित की थी, जिसमें डा. सी.के. सिंह (डीएचओ), डा. कुमार पुष्पेश (डीएमओ) और डा. अतिक सिद्दकी (एनओ, एनएचए) शामिल थे। रिपोर्ट में साफ तौर पर उल्लेख किया गया कि अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही (Hospital Negligence Korba) ही मरीज की मौत की प्रमुख वजह थी।
अस्पताल संचालक और स्टाफ पर मामला दर्ज
जांच रिपोर्ट के आधार पर रामपुर पुलिस ने अस्पताल के संचालक जेके लहरे और अन्य स्टाफ सदस्यों के खिलाफ धारा 304-ए व 34 (गैर-इरादतन हत्या) के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस के अनुसार, यदि प्रारंभिक उपचार के दौरान मानक चिकित्सा प्रक्रिया अपनाई जाती, तो मरीज की जान बचाई जा सकती थी। फिलहाल पुलिस ने आरोपितों को नोटिस जारी कर बयान दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
