सीजी भास्कर, 08 अक्टूबर। “कभी सोचा नहीं था कि जिस दिन बेटी केक काटेगी, उसी दिन उसे मुखाग्नि दूंगा…” — यह शब्द थे उस असहाय पिता के, जिसकी 14 वर्षीय बेटी आदित्री भट्टाचार्य (Human Tragedy) का जन्मदिन मंगलवार को था। नियति इतनी क्रूर निकली कि उसी दिन पिता को बेटी की अंतिम यात्रा में अग्नि देनी पड़ी।
रविवार शाम चिल्फी थाना क्षेत्र के अकलघरिया के पास बोलेरो-ट्रक की आमने-सामने टक्कर में मां-बेटी की दर्दनाक मौत हो गई। हादसे के बाद दोनों शव करीब 43 घंटे तक अस्पताल में बिना फ्रीजर रखे पड़े रहे, जिससे परिजनों का दुःख और गहरा गया। मंगलवार को जब कवर्धा के लोहारा रोड मुक्तिधाम में मां परम भट्टाचार्य और बेटी आदित्री (Human Tragedy) का अंतिम संस्कार हुआ, तो वहां मौजूद हर आंख नम थी। पिता ने बेटी की “अंतिम इच्छा” पूरी करते हुए — जन्मदिन पर मुक्तिधाम में ही केक काटा और अपनी नन्ही परी को अंतिम विदाई दी।
हादसे में पांच की मौत, पांच घायल
इस भयावह सड़क हादसे में कुल पांच लोगों की मौत हुई और पांच घायल हुए। मृतकों में परम भट्टाचार्य (46), आदित्री भट्टाचार्य (14), पोपी बर्मन (48), अन्वेषा सोम (41) और ड्राइवर अजय कुशवाहा शामिल हैं। ये सभी कोलकाता (पश्चिम बंगाल) के निवासी थे जो कान्हा केसली से लौटते समय बोलेरो में सवार थे। हादसा इतना भीषण था कि बोलेरो पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई।
घायलों में अरनदीप दास (10), मुनमुन बेग (42), रिताभास सरकार (17), अद्रिका भट्टाचार्य (18) और सुप्रीति मांझी (19) शामिल हैं, जो कवर्धा जिला अस्पताल में उपचाररत हैं। चिकित्सकों के अनुसार सभी की स्थिति अब सामान्य है।
43 घंटे तक शव बिना फ्रीजर, अस्पताल की लापरवाही उजागर
इस हादसे का सबसे पीड़ादायक पहलू यह रहा कि चार शवों को बोड़ला अस्पताल में 24 घंटे तक बिना फ्रीजर और बर्फ के खुले कमरे में रखा गया। अस्पताल परिसर में दुर्गंध और संक्रमण का खतरा (Human Tragedy) बढ़ गया। मंगलवार को पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपे गए। दो शव कोलकाता ले जाए गए, जबकि मां-बेटी का अंतिम संस्कार कवर्धा में किया गया। जब मुक्तिधाम में चिता जल रही थी, उसी वक्त पिता ने बेटी का जन्मदिन मनाने के प्रतीकस्वरूप केक काटा। दृश्य इतना मार्मिक था कि वहां मौजूद हर व्यक्ति की आंखें भर आईं।
व्यवस्था की कमी पर सीएमएचओ ने मानी गलती
कवर्धा के सीएमएचओ ने स्वीकार किया कि जिले में शव संरक्षण की व्यवस्था सीमित है। उन्होंने सभी ब्लॉक बीएमओ को रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। हादसे के बाद स्वास्थ्य विभाग ने जिलेभर में शव संरक्षण, फ्रीजर और मॉर्चरी सिस्टम की समीक्षा शुरू कर दी है।
आगामी जिला स्तरीय समीक्षा बैठक में इस विषय पर विशेष चर्चा होगी। प्रशासन ने लक्ष्य रखा है कि हर ब्लॉक अस्पताल में कम से कम दो फ्रीजर यूनिट और एक स्थायी मॉर्चरी कक्ष स्थापित किया जाए, ताकि भविष्य में ऐसी मानव संवेदना को झकझोर देने वाली घटनाएं (Human Tragedy) दोबारा न हों।