सीजी भास्कर 15 अक्टूबर महाराष्ट्र के वसई-विरार में हुए अवैध निर्माण घोटाले (IAS Officer Anil Pawar Corruption Case) ने पूरे प्रशासनिक सिस्टम को हिला दिया है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी है, जिसमें वसई-विरार सिटी नगर निगम (VVCMC) के पूर्व कमिश्नर अनिल पवार को इस पूरे भ्रष्टाचार जाल का केंद्र बताया गया है।
कैसे हुआ 169 करोड़ का घोटाला
ईडी की रिपोर्ट के मुताबिक, अनिल पवार ने अपने कार्यकाल के दौरान 41 अवैध इमारतों को मंजूरी दी। इसके बदले मोटी रिश्वत ली गई। आरोप है कि उन्होंने अपने अधीन काम करने वाले अधिकारियों, इंजीनियरों और आर्किटेक्ट्स का गिरोह बनाया, जो परमिशन के लिए तय दर पर कमीशन वसूलते थे।
इन पैसों को सफेद बनाने के लिए उन्होंने परिवार के नाम पर कंपनियां बनाईं और वही से मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering by IAS Officer) का खेल शुरू हुआ।
IAS Officer Anil Pawar Corruption Case : पत्नी ने बनाई ब्लैक मनी को वाइट करने की मशीन
चार्जशीट में बताया गया है कि अनिल पवार की पत्नी भारती पवार इस मनी सर्कुलेशन की मुख्य कड़ी थीं। उन्होंने कई कंपनियों और फर्म्स में डायरेक्टर व शेयरहोल्डर बनकर करोड़ों रुपए को बैंकिंग चैनल से वैध दिखाया।
इन पैसों से सोना, हीरे, महंगी साड़ियां, फार्महाउस और रेजिडेंशियल प्रोजेक्ट्स खरीदे गए। जांच में यह भी सामने आया कि इस काम में उनकी दो बेटियां और सास की भी मदद ली गई।
ED ने जब्त की 71 करोड़ की संपत्ति
ईडी ने इस केस में चार लोगों को गिरफ्तार किया है—अनिल पवार, वीवीसीएमसी के पूर्व डिप्टी डायरेक्टर वाई. शिवा रेड्डी, और बिल्डर सीताराम गुप्ता व अरुण गुप्ता। एजेंसी ने अब तक 71 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की है, जिसमें से लगभग 44 करोड़ की संपत्ति अनिल पवार से जुड़ी बताई जा रही है।
ईडी की जांच में यह भी खुलासा हुआ कि रिश्वत की दर तय थी—शहरी क्षेत्र में 20-25 रुपए प्रति वर्ग फुट और ग्रीन जोन में 62 रुपए प्रति वर्ग फुट। वहीं, पहले से बने अवैध निर्माणों को संरक्षण देने के लिए 150 रुपए प्रति वर्ग फुट तक वसूले जाते थे, जिसमें से 50 रुपए पवार का निजी हिस्सा था।
IAS Officer Anil Pawar Corruption Case : चार मुख्य हाइलाइट्स
- IAS अधिकारी अनिल पवार ने तीन साल में 169 करोड़ रुपए रिश्वत से कमाए।
- पत्नी भारती पवार ने ब्लैक मनी को वैध करने का पूरा सिस्टम खड़ा किया।
- ED ने चार लोगों को गिरफ्तार कर 71 करोड़ की संपत्ति जब्त की।
- रिश्वत की दर तय थी—ग्रीन जोन में 62 रुपए, शहर में 25 रुपए प्रति वर्ग फुट।
ईडी की रिपोर्ट में काला नेटवर्क उजागर
चार्जशीट में खुलासा हुआ कि पवार और रेड्डी की व्हाट्सएप चैट से महंगे गहनों, आईफोन और 70 हजार रुपए के पेन की खरीद का पता चला।
इसके अलावा, श्रुतिका एंटरप्राइजेज, जनार्दन एग्रो सर्विस, एंटोनोव वेयरहाउसिंग पार्क्स प्राइवेट लिमिटेड जैसी कंपनियों के माध्यम से करोड़ों का कैश सिस्टमेटिक तरीके से वैध किया गया।
ईडी का कहना है कि यह सिर्फ भ्रष्टाचार नहीं, बल्कि एक पूरा “कॉरपोरेट-क्राइम मॉडल” (Corporate Corruption Network) था।