सीजी भास्कर, 9 नवंबर। कानपुर में साइबर ठगों ने ऑनलाइन नौकरी दिलाने के नाम पर आइआइटी के पीएचडी छात्र से पांच लाख रुपये की ठगी (IIT Student Online Fraud Case) कर ली। ठगों ने पहले छात्र को झांसे में लेने के लिए उसके खाते में ₹150 भेजे और फिर निवेश के बहाने धीरे-धीरे पूरी रकम हड़प ली। पुलिस ने मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
छत्तीसगढ़ का रहने वाला है पीड़ित छात्र
पीड़ित छात्र (Chhattisgarh IIT PhD Student) ए. शिवनाग शर्मा छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले का निवासी है और वर्तमान में आइआइटी कानपुर के हाल नंबर 8 में रहकर पीएचडी कर रहा है। उसने बताया कि 10 सितंबर को उसे एक अज्ञात नंबर से व्हाट्सऐप समूह में जोड़ा गया। समूह में खुद को एचआर बताने वाली कुछ महिलाओं ने पार्ट टाइम नौकरी का प्रस्ताव दिया और दावा किया कि इससे रोजाना तीन से दस हजार रुपये तक की कमाई की जा सकती है।
पहले भेजे ₹150, फिर शुरू हुई ठगी
ठगों ने शुरुआत में छात्र को एक छोटा टास्क दिया ट्यूब चैनल को सब्सक्राइब कर उसका स्क्रीनशॉट भेजना। (Online Task Scam) काम पूरा करने के बाद छात्र के खाते में ₹150 भेजे गए। इससे छात्र को भरोसा हो गया कि काम असली है। कुछ घंटे बाद उसे एक टेलीग्राम ग्रुप में जोड़ा गया, जहां 25 टास्क पूरे करने की शर्त रखी गई।
(IIT Student Online Fraud Case) दोस्तों से उधार लेकर भेजे ₹5 लाख
ठगों ने पहले छात्र से ₹2,000 का निवेश कराया। फिर धीरे-धीरे ₹5,000, ₹50,000 और ₹1.40 लाख रुपये तक की रकम जमा कराने के लिए कहा। (Telegram Fraud Group) छात्र ने जब यह सब भुगतान कर दिया, तो ठगों ने बताया कि “समूह का पैसा फ्रीज हो गया है” और अनफ्रीज कराने के लिए ₹3.10 लाख और भेजने को कहा। ठगों की बातों में आकर छात्र ने दोस्तों से उधार लेकर यह रकम भी भेज दी। बाद में जब उसका ग्रुप बंद कर दिया गया और कोई जवाब नहीं मिला, तो उसे ठगी का एहसास हुआ।
कल्याणपुर थाना प्रभारी अजय प्रकाश ने बताया कि पीड़ित छात्र की शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। (Cyber Crime Police Investigation) फिलहाल पुलिस साइबर सेल की मदद से ठगों के बैंक खातों और मोबाइल नंबरों की जांच कर रही है। शुरुआती जांच में ठगों के विदेशी आईपी एड्रेस से जुड़ाव की संभावना जताई गई है।
