⭕ गोपनीयता भंग न हो, पुलिस प्रशासन इसका रखे ध्यान – डॉ किरणमयी नायक
सीजी भास्कर, 19 दिसंबर। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक, सदस्यगण श्रीमती ओजस्वी मण्डावी, श्रीमती लक्ष्मी वर्मा और दीपिका सोरी ने आज कार्यालय जिला कार्यकम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रेरणा सभा कक्ष जिला दुर्ग में महिला उत्पीड़न संबंधित प्रकरणों पर सुनवाई की।
आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में आज यह प्रदेश स्तरीय 299वीं तथा दुर्ग में 11वीं सुनवाई थी। आज जनसुनवाई में कुल 32 प्रकरण सुनवाई हेतु रखे गये थे। 8 प्रकरण नस्तीबद्ध किये गये। आज सुनवाई में आवेदिका द्वारा बताया गया कि उसने 2 वर्ष 6 माह पहले आवेदन दिया। जिसमें प्रधान आरक्षक ने कार्यवाही कुछ नही किया और आवेदन शिकायत के घर पर भेज दिया गोपनीयता भंग किया सीएसपी ने प्रधान आरक्षक को समझाईश देकर प्रकरण का निराकरण करा दिया था। वर्तमान में अनावेदक रिटायर हो चुका है अतः अब आवेदिका कार्यवाही नहीं चाहती है, उसका यह निवेदन है कि आयोग के द्वारा समस्त पुलिस प्रशासन को निर्देश दिया जाये कि आवेदन का त्वरित कार्यवाही करें और गोपनीयता भंग न करें। इस पर आयोग के द्वारा डीजीपी छ.ग. शासन को एक पत्र भेजा जायेगा कि महिला आवेदकों के मामले में त्वरित कार्यवाही और उनके आवेदनों की गोपनीयता पुलिस गोपनीय रखे। प्रकरण नस्तीबद्ध किया जाता है। उभय पक्ष उपस्थित अनावेदक की ओर से अधिवक्ता सुरेश शुक्ला उपस्थित हुए, उनके द्वारा जानकारी दी गई कि अनावेदक उड़ीसा में हैं, उन्हे आने के लिये समय दिया जाए। आवेदिका ने बताया कि उन्होने उड़ीसा के दिवानी न्यायालय में मामला प्रस्तुत कर दिया है इसलिए प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।
एक अन्य प्रकरण में उभय पक्ष उपस्थित सभी एक ही परिवार के सदस्य हैं। अनावेदकगण के द्वारा आवेदिका से अश्लील गाली गलौच किया गया था जिसको लेकर थाना उतई में उभयपक्ष का समझौता हो चुका था। जिसके बाद से सभी अनावेदनकगण उस संयुक्त परिवार से अलग रहने चले गये थे। इसकी पुष्टि अनावेदक क्रमांक 3 ने किया जो कि घर का बुर्जुग है और वर्तमान में अनावेदक के साथ रहता है।
आवेदिका के पास अनावेदक के द्वारा दिये गये गाली का आडियो रिकार्डिंग सदस्यों ने सुना जो कि बहुत आपत्तिजनक था। जिस पर आनावेदक-1 को समझाईश दिया गया। जिस पर उसके द्वारा आवेदक से कान पकड़कर माफी मांगा है और भविष्य में ऐसा दुर्व्यवहार नहीं करने की बात भी कही है। इसके आधार पर प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया। आवेदक व उभय पक्ष आपस में पति-पत्नि हैं, जिनका मामला कुटुम्ब न्यायालय में चल रहा है लेकिन ढीमर समाज दुर्ग के अध्यक्ष दासु ढीमर, राजकुमार ढीमर, दीपक कुमार ढीमर, भुपेन्द्र कुमार ढीमर, पुरूषोत्तम ढीमर उपस्थित थे, उन्होने बताया कि उनके द्वारा आवेदिका का सामाजिक बहिष्कार नहीं किया गया है और वे समाज में आने जाने के स्वतंत्र हैं तथा इसकी घोषण भी समस्त समाजजनों ने किया, जिसके आधार पर प्रकरण नस्तीबद्ध गया। विस्तार से सुने जाने पर यह स्पष्ट हुआ कि उसकी मुख्य शिकायत यह कि उसके पति को अनावेदन द्वारा परेशान किया गया।तथ्यों और दस्तावेजों के देखने पर यह स्पष्ट है कि आवेदिका के खिलाफ एकल कार्यवाही करने के कोई साक्ष्य और दस्तावेज प्रस्तुत नही किया गया है और विभागीय कार्यवाही के लिये तथा पति को बचाने के लिये आयोग में शिकायत किया गया है, अतः प्रकरण नस्तीबद्ध किया जाता है।
एक अन्य उभय पक्ष उपस्थित अनावेद-1 अनावेदक-2 राजकुमार देशमुख सहा. उप. निरी. थाना उतई जो कि वर्तमान में जामगांव जिला दुर्ग में पदस्थ हैं। उनके द्वारा पेशी में उपस्थित नहीं हो पाने का आवेदन दिया गया है। प्रकरण काफी गंभीर है। अनावेदिका के पति अनावेदक के पास है जो डॉक्टर था, जहाँ उसने अनावेदक कमांक 1 को 400 रू. ऑनलाईन पे किया है। अनावेदक की मृत्यु हो गई है, आधे घंटे के बाद आवेदिका की पति का मृत्यु हो गया लेकिन उसे जिला अस्पताल भेजा गया था। जहां की उसकी मृत्यु की घोषणा हुई। इस पूरे मामले में आवेदिका उसके ससुर का पुलिस बयान बदलने में अनावेदक कमांक-2 की संलिप्पतता की ओर आवेदिका पक्ष ने ध्यान आकृष्ट कराया है। अनावेदक कमांक 1 को चिकित्सकीय डिग्री और लाइसेंस व अन्य संबंधित प्रमाण पत्र लेकर आयोग में उपस्थित होने का निर्देश दिया गया तथा अनावेदक-2 को भी आवश्यक रूप से समस्त जांच प्रकिया की प्रति लेकर आवश्यक रूप से उपस्थित हाने की सूचना एसपी दुर्ग के माध्यम से भेजी जाए ताकि आगामी पेशी में प्रकरण का निराकरण पर कार्यवाही हो सकें। आवेदिका अपने प्रकरण की शीघ्र कार्यवाही के लिए प्रकरण की सुनवाई रायपुर में कराना चाहती है। अतः प्रकरण की सुनवाई दिनांक 17 जनवरी 2025 को रखा गया है।