सीजी भास्कर, 10 दिसंबर। भारत अब राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) को मिसाइल, ड्रोन और हाई-स्पीड कॉम्बैट एयरक्राफ्ट जैसे बाहरी हवाई हमलों से सुरक्षा प्रदान करने के लिए एक उन्नत स्वदेशी इंटीग्रेटेड एयर डिफेंस सिस्टम (Indian Air Defence Shield NCR) तैनात करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। यह प्रणाली राजधानी की सुरक्षा में वह भूमिका निभाएगी जो आधुनिक युद्ध परिदृश्य में अत्यंत निर्णायक मानी जाती है।
वरिष्ठ रक्षा सूत्रों के अनुसार एनसीआर की सुरक्षा (Indian Air Defence Shield NCR) के लिए मल्टीलेयर इंटीग्रेटेड एयर डिफेंस वेपन सिस्टम (IADWS) तैनात किया जाएगा, जिसमें स्वदेशी एयर-डिफेंस मिसाइलें शामिल होंगी — जैसे क्विक रिएक्शन सरफेस-टू-एयर मिसाइल (QRSAM) और वेरी शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस (VSHORADS)। यह संपूर्ण प्रणाली भारतीय वायुसेना के नियंत्रण में रहेगी और राजधानी क्षेत्र के महत्वपूर्ण रणनीतिक प्रतिष्ठानों की हवाई सुरक्षा सुनिश्चित करेगी ।
इस परियोजना पर डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइज़ेशन (DRDO) प्रोडक्शन एजेंसियों के साथ मिलकर काम करेगा, जबकि सिस्टम नेटवर्किंग एवं कमांड-एंड-कंट्रोल स्ट्रक्चर की जिम्मेदारी अलग तकनीकी इकाइयों के पास होगी। इससे न केवल रियल टाइम ट्रैकिंग और इंटरसेप्शन क्षमता बढ़ेगी, बल्कि किसी भी हवाई घुसपैठ पर रिपॉन्स का समय भी कम होगा।
महत्वपूर्ण बात यह है कि भारत पहले अमेरिकी नेशनल एडवांस्ड सरफेस टू एयर मिसाइल सिस्टम–2 (NASAMS-2) खरीदने पर विचार कर रहा था, जो वर्तमान में वाशिंगटन डीसी और व्हाइट हाउस की सुरक्षा करता है। लेकिन उच्च लागत और आत्मनिर्भर रक्षा नीति को बढ़ावा देने की दृष्टि से भारत ने अब स्वदेशी समाधान अपनाने का निर्णय (Indian Air Defence Shield NCR) लिया है।
रक्षा मंत्रालय यह परियोजना ऐसे समय लागू कर रहा है जब हाल ही में पाकिस्तान ने मई माह में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत को निशाना बनाने की कोशिश की थी। इसलिए राजधानी की हवाई सुरक्षा क्षमता को बहुस्तरीय बनाना रणनीतिक दृष्टि से अत्यंत आवश्यक माना जा रहा है। यह कदम भविष्य में एयरोस्पेस वारफेयर, एंटी-ड्रोन सुरक्षा और मिसाइल न्यूट्रलाइजेशन क्षमता में भारत को और अधिक आत्मनिर्भर बनाएगा।


