सीजी भास्कर, 31 मार्च। डिजिटल प्राइवेसी को लेकर लोग OpenAI के घिबली के AI आर्ट जनरेटर को लेकर चिंता और सवाल उठाने लगे हैं. लोग सवाल कर रहे हैं कि पर्सनल फोटो को लेकर किया सेफ है। कुछ इसकी सेफ्टी को लेकर सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि ये AI प्रशिक्षण के लिए हजारों पर्सनल फोटोज तक पहुंचने की एक चाल हो सकती है. वहीं, आलोचकों का मानना है कि यूजर्स अनजाने में OpenAI को अनोखे और अनोखे चेहरे का डेटा दे रहे हैं. इससे उनकी प्राइवेसी को खतरा हो सकता है।
कुछ लोगों का मानना है कि OpenAI की डेटा इकट्ठा करने की ये रणनीति सिर्फ AI कॉपीराइट से कहीं ज्यादा है. ये कंपनी को उन फोटोज को हासिल करने की अनुमति देती है, जो लोग अपनी मर्जी से सबमिट करते हैं। इससे वेब-स्क्रैप किए गए डेटा पर लागू कानूनी प्रतिबंधों को दरकिनार किया जा सकता है. GDPR नियमों के अनुसार, जब यूजर्स खुद फोटोज अपलोड करते हैं, तो वे साथ में परमिशन देते हैं, इससे OpenAI को डेटा प्रोसेस करने की अधिक स्वतंत्रता मिलती है।
यूजर्स के लिए क्यों है जोखिम
दरअसल, AI एक्टिविस्ट ने चेतावनी दी है कि एक बार जब यूजर्स अपनी तस्वीरें जमा कर देते हैं, तो वे उन फोटोज के यूज पर नियंत्रण खो देते हैं.जबकि OpenAI की गोपनीयता नीति कहती है कि यूजर्स इनपुट का मॉडल प्रशिक्षण के लिए उपयोग किया जा सकता है. आलोचकों ने कई मुद्दों पर अपनी बात रखी है.
- यूजर्स की तस्वीरें बिना उनकी अनुमति के विभिन्न उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल की जा सकती हैं.
- तस्वीरों का दुरुपयोग करके किसी की पहचान चुराई जा सकती है.
- तस्वीरों का गलत तरीके से उपयोग किया जा सकता है. इससे नकली प्रोफाइल तैयार की जा सकती है.