सीजी भास्कर 19 मार्च पंजाब के मोहाली में नए एयरपोर्ट चौक के पास लंबे समय से आमरण अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को पंजाब पुलिस ने हिरासत में ले लिया. इनके अलावा सरवन सिंह पंधेर, अभिमन्यु कोहाड़, काका सिंह कोटड़ा और अन्य नेताओं को हिरासत में लिया. सरकार ने शंभू और खनौरी बॉर्डर को खाली कराने की रणनीति बनाई है, जिसके तहत यह कार्रवाई की गई. ये सभी नेता किसानों की मांगों को लेकर लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं और सरकार से न्यूनतम समर्थन मूल्य (msp) की कानूनी गारंटी समेत अन्य मांगों को पूरा करने की अपील कर रहे हैं.
जानकारी के मुताबिक मोहाली-चंडीगढ़ बॉर्डर (एयरपोर्ट रोड) पर पुलिस और किसानों के बीच झड़प हुई, जहां बड़ी संख्या में सुरक्षाबल तैनात हैं. पुलिस ने ऐहतियातन कदम उठाते हुए प्रदर्शनकारियों को हटाने की कोशिश की, जिससे माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है. शंभू और खनौरी में इंटरनेट बंद कर दिया गया है.दरअसल, बुधवार को किसान नेताओं और केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों के बीच सातवें दौर की बातचीत हुई. बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल शामिल हुए. पंजाब सरकार की ओर से वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा और कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां बैठक में उपस्थित रहे.बैठक में किसानों की प्रमुख मांगों पर चर्चा हुई, जिनमें फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी, किसानों और कृषि मजदूरों के लिए पेंशन, कर्ज माफी, बिजली दरों में बढ़ोतरी न करने, किसानों पर दर्ज पुलिस केस वापस लेने और लखीमपुर खीरी हिंसा पीड़ितों को न्याय दिलाने जैसी मांगें शामिल थीं. बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री चौहान ने कहा कि चर्चा सकारात्मक रही और अगली बैठक 4 मई को होगी.
किसानों का कहना – ठोस समाधान की उम्मीदकिसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि किसानों को उम्मीद है कि सरकार उनकी मांगों को हल करेगी. उन्होंने बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (KMM) के 28 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने बैठक में भाग लिया. इससे पहले, किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल एंबुलेंस में बैठक स्थल पहुंचे. डल्लेवाल ने कहा कि वे सरकार से MSP की कानूनी गारंटी के लिए पर्याप्त जवाब की उम्मीद कर रहे हैं.MSP पर पहले भी हो चुकी है चर्चाइससे पहले, 22 फरवरी को किसानों और केंद्र सरकार के बीच बातचीत हुई थी, जिसमें सरकार ने किसानों से MSP पर कानूनी गारंटी की मांग के समर्थन में डेटा मांगा था. किसानों ने बताया कि इसके लिए हर साल लगभग 25,000 से 30,000 करोड़ रुपये का बजट चाहिए.
किसानों का कहना है कि उनकी अन्य मांगों में 2020-21 के किसान आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा, भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 की बहाली और लखीमपुर खीरी हिंसा के दोषियों को सजा दिलाने की मांग भी शामिल है.बता दें कि किसानों ने 13 फरवरी 2024 को दिल्ली कूच की घोषणा की थी, लेकिन पुलिस ने पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर उन्हें रोक दिया. तब से किसान शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डटे हुए हैं और अपनी मांगों को लेकर लगातार आंदोलन कर रहे हैं.