सीजी भास्कर, 22 नवंबर। मत्स्य पालन कृषकों के लिए सदैव अतिरिक्त आय का लाभकारी कार्यक्षेत्र रहा है। समूह एवं व्यक्तिगत दोनों स्तरों पर (Fish Farming Benefits) यदि मत्स्य पालन को वैज्ञानिक और व्यवसायिक तरीके से विभागीय मार्गदर्शन के साथ अपनाया जाए, तो यह किसानों के लिए अत्यंत लाभदायक सिद्ध होता है। इसी क्रम में अब मत्स्य विभाग किसानों को पारंपरिक मत्स्य पालन के साथ-साथ झींगा उत्पादन (Jhinga Production Scheme) के लिए प्रोत्साहित कर रहा है।
ज्ञातव्य है कि स्वनिर्मित तालाबों और पोखरों में झींगा पालन आसानी से किया जा सकता है। इसके उत्पादन और मार्केटिंग के लिए विभाग द्वारा विस्तृत कार्ययोजना बनाई गई है (Fisheries Scheme Dantewada)। विभाग ने बताया कि जिले के किसान अब शासन की नवीन पॉलीकल्चर योजना के अंतर्गत मछली के साथ झींगा उत्पादन भी करेंगे।
इस योजना के तहत चयनित 09 हितग्राही हैं सधाम, संतुराम (ग्राम फुलनार), नाहरूराम कवासी (ग्राम नागुल), अजय कश्यप (ग्राम मड़से), रविंद्र नेगी (ग्राम बारसूर), ताती पोदिया (ग्राम टिकनपाल), राजेश राणा (ग्राम हल्बारास), राजू नाग (ग्राम मैलावाड़ा), सोनाराम मंडावी (ग्राम मारहराकरका।
योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु विभाग ने सबसे पहले सभी हितग्राहियों को कृषि विज्ञान केंद्र (Jhinga Production Scheme) के माध्यम से तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान किया। शासन की योजना अनुसार इन किसानों को अनुदान के तहत मेजर कार्प प्रजाति जैसे रोहु, कतला, ग्रास कार्प के साथ झींगा जुवेनाइल बीज उपलब्ध कराया गया (Polyculture Yojana)। इसके अतिरिक्त उत्पादन बढ़ाने हेतु परिपूरक आहार भी दिया गया। यह पहल किसानों को अतिरिक्त आय, दोहरा उत्पादन और बेहतर बाजार मूल्य प्राप्त कराने में सहायक सिद्ध होगी।
