सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने छत्तीसगढ़ स्थानांतरण का प्रस्ताव वापस लिया
केंद्र सरकार के पुनर्विचार अनुरोध के बाद लिया गया निर्णय
अब जस्टिस अतुल श्रीधरन को इलाहाबाद हाई कोर्ट भेजने की सिफारिश
सीजी भास्कर, 17 अक्टूबर। सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने केंद्र सरकार के अनुरोध पर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस अतुल श्रीधरन के तबादले से जुड़ा अपना पूर्व निर्णय बदल दिया है। पहले उन्हें छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट भेजने की सिफारिश की गई थी, लेकिन अब कोलेजियम ने (Justice Transfer Collegium Decision) नया प्रस्ताव पारित करते हुए उनके स्थानांतरण का गंतव्य इलाहाबाद हाई कोर्ट कर दिया है।
यह निर्णय 14 अक्टूबर 2025 को हुई कोलेजियम बैठक में लिया गया, जिसमें केंद्र सरकार के पुनर्विचार अनुरोध पर विस्तार से चर्चा की गई। कोलेजियम ने केंद्र द्वारा भेजे गए सुझावों और सेवा आवश्यकताओं की समीक्षा के बाद यह फैसला किया कि जस्टिस श्रीधरन का तबादला अब इलाहाबाद हाई कोर्ट में किया जाएगा।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने 25 और 26 अगस्त 2025 को हुई अपनी बैठकों में कुल 14 हाई कोर्ट जजों के तबादलों का प्रस्ताव पारित किया था। इस सूची में सबसे पहला नाम जस्टिस अतुल श्रीधरन का था। कोलेजियम ने उस समय उन्हें छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट भेजने की सिफारिश केंद्र को भेजी थी।
केंद्र सरकार ने इस प्रस्ताव को पुनर्विचार के लिए वापस भेजते हुए अनुरोध किया कि जस्टिस श्रीधरन के तबादले पर दोबारा विचार किया जाए। सरकार ने कुछ प्रशासनिक कारणों और क्षेत्रीय आवश्यकता का हवाला देते हुए कहा कि उनकी नियुक्ति इलाहाबाद हाई कोर्ट के लिए अधिक उपयुक्त रहेगी।
कोलेजियम ने केंद्र के इस अनुरोध को गंभीरता से लेते हुए मामले पर पुनर्विचार किया। बैठक के बाद पारित प्रस्ताव में कहा गया “केंद्र सरकार के अनुरोध पर विचार करने के पश्चात कोलेजियम यह निर्णय लेता है कि जस्टिस अतुल श्रीधरन का स्थानांतरण अब छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट की बजाय इलाहाबाद हाई कोर्ट में किया जाए।”
कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार, यह फैसला केंद्र और न्यायपालिका के बीच सहयोगात्मक संवाद है। आमतौर पर कोलेजियम द्वारा भेजे गए नामों या तबादला प्रस्तावों पर केंद्र केवल अनुमोदन करता है, लेकिन इस बार कोलेजियम ने केंद्र की आपत्ति पर पुनर्विचार करते हुए निर्णय संशोधित किया है। इससे पहले, इसी बैठक में अन्य 13 न्यायाधीशों के तबादले के प्रस्तावों पर केंद्र ने कोई आपत्ति नहीं जताई थी। लेकिन जस्टिस श्रीधरन के मामले में विशेष समीक्षा का अनुरोध किया गया था।
(Justice Transfer Collegium Decision) के अनुसार, जस्टिस अतुल श्रीधरन की सेवा अवधि और अनुभव को देखते हुए उन्हें भारत के सबसे व्यस्त हाई कोर्ट — इलाहाबाद हाई कोर्ट — में स्थानांतरित करना न्यायिक प्रशासनिक दृष्टि से अधिक उपयुक्त समझा गया है। सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम की वेबसाइट पर जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि यह निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया और इसे तुरंत प्रभाव से केंद्र को भेजा गया है।