सीजी भास्कर, 06 सितंबर। अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त 40वें चक्रधर समारोह 2025 का समापन संध्या अविस्मरणीय संगीत यात्रा में तब्दील हो गई। इस ऐतिहासिक क्षण का साक्षी पूरा रायगढ़ बना जब देश के प्रख्यात गायक और पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित कैलाश खेर ने अपने लोकप्रिय बैंड कैलासा के साथ (Kailash Kher Performance) मंच संभाला। उनकी दमदार, सूफियाना और लोकधुनों से सराबोर गायकी ने जैसे ही सुर साधा, पूरा पंडाल तालियों और जयघोष से गूंज उठा।
करीब दो दशकों से भारतीय संगीत जगत में अपनी अलग पहचान बनाने वाले कैलाश खेर ने अब तक 20 से अधिक भाषाओं में 2000 से भी अधिक गीत गाए हैं। समापन अवसर पर उन्होंने अपने सुप्रसिद्ध गीत “तेरी दीवानी”, “अल्लाह के बंदे”, “पिया घर आवेंगे”, “मेरी मां”, “हाथों की लकीरें बदल जाएंगी”, “तेरी सखी मंगल गौरी” और “बम लहरी” जैसी प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। हर गीत के साथ पंडाल झूमता रहा और श्रोताओं ने तालियों की गड़गड़ाहट से कलाकार का उत्साहवर्धन किया। उनकी (Kailash Kher Performance) में लोकसंगीत की मधुरता और सूफियाना रूहानियत का अद्भुत संगम देखने-सुनने को मिला। समापन अवसर पर रायगढ़ का पूरा वातावरण मानो संगीत की ध्वनि और श्रद्धा से सराबोर हो उठा।
उल्लेखनीय है कि कैलाश खेर ने अपने बैंड कैलासा के साथ अब तक 2000 से अधिक लाइव कॉन्सर्ट प्रस्तुत किए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वच्छ भारत अभियान का ब्रांड एंबेसडर चुने गए और सबसे कम उम्र में पद्मश्री पुरस्कार पाने वाले इस कलाकार ने भारतीय लोकधुनों को नया आयाम देने में अहम भूमिका निभाई है। उनकी (Kailash Kher Performance) ने भारत की सांस्कृतिक धरोहर को न सिर्फ़ देश में बल्कि विदेशों में भी नई पहचान दिलाई है।