सीजी भास्कर 26 जून उत्तर प्रदेश के कानपुर से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां लोगों को ठगी का शिकार बनाने और उनसे भारी रकम ऐंठने के लिए साइबर ठग उन्हें जेल भेजने का डर दिखाते हैं. आरोपियों ने फर्जी क्राइम ब्रांच अधिकारी बन अंजान नंबर से अलग-अलग लोगों को फोन कॉल किया. उन्होंने कहा कि आपके इंटरनेट से पोर्न वीडियो देखा जाता है, आपको अब जेल भेजा जाएगा. कानपुर पुलिस की साइबर टीम ने ठगी के गिरोह का भंडाफोड़ किया है.
पुलिस ने लोगों को धमकाने और ठगी करने के मामले में दो आरोपियों के गिरफ्तार किया है. अन्य आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस टीम छापेमारी कर रही है.सोशल मीडिया और इंटरनेट ने एक ओर लोगों का जीवन सुविधाजनक बना दिया है. वहीं साइबर अपराधियों ने इसे ठगी का एक आसान साधन बना लिया है. साइबर ठग अंजान लोगों को कभी रेप में परिजनों को फंसाने की धमकी देकर तो कभी पुलिस का डर दिखा कर शिकार बनाते हैं. अब कानपुर की साइबर क्राइम टीम ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो लोगों को पोर्न वीडियो देखने पर जेल भेजने की धमकी देकर पैसे ऐंठ लेता था. यह गिरोह पहले कभी नहीं पकड़ा गया और इसके कई सदस्य मात्र कक्षा 6, 7 तक ही पढ़े हुए है.फर्जी क्राइम ब्रांच अधिकार बन की ठगीसरकार द्वारा संचालित एनसीआरपी पोर्टल पर दर्जनों लोगों ने इस बात की शिकायत दर्ज कराई थी कि उनके पास क्राइम ब्रांच का अधिकारी बनकर अंजान नंबर से फोन आया था.
फोन करने वाले ने धमकाया कि आपके इंटरनेट से पोर्न वीडियो देखे जा रहे हैं, इसलिए उस पर कार्रवाई होगी, मुकदमा लिखकर जेल भेज दिया जाएगा. जेल भेजने का डर दिखा कर पीड़ितों से पैसे मांगे जाते थे. उनका अकाउंट खाली करा लिया जाता था. इस बात की शिकायत दर्जनों पीड़ितों ने पोर्टल के माध्यम से की थी. जब इस पूरे मामले की जांच की गई तो कुल 6 आरोपी रडार पर आए जिसमें से चार आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.पुलिस ने चार को किया अरेस्टडीसीपी क्राइम कासिम आब्दी ने बताया कि कुल 66 शिकायतें प्राप्त हुई थीं जिनको पोर्न वीडियो का डर दिखा कर ठगा गया था.
गिरोह के सरगना शिवम वर्मा समेत चार आरोपियों को साइबर क्राइम की टीम ने सर्विलांस पर लेने के बाद गिरफ्तार कर लिया. डीसीपी ने कहा कि आरोपी आज तक कभी पकड़े नहीं गए. उन्होंने बताया कि सबसे खास बात यह है कि इसमें से दो आरोपी ऐसे है जो कक्षा 6, 7 तक पढ़े है, लेकिन इतने शातिर है कि फर्जी क्राइम ब्रांच अधिकारी बनकर पढ़े लिखे लोगों को अपना शिकार बना लेते हैं. चार आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि दो आरोपी अभी फरार हैं. फरार आरोपियों को गिरफ्तार करने के प्रयास जारी हैं.