उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले के करछना में कौड़ीहार मार्ग पर 29 जून की शाम भीम आर्मी के समर्थकों ने जमकर बवाल किया. यहां जो पथराव-तोड़फोड़ शुरू हुआ, जो करीब करीब दो घंटे तक चला. उपद्रव में कई दर्जन गाड़ियां तोड़ दी गईं, जिसमें चार गाड़ियां पुलिस की थीं. 15 बाइकें फूंक दी गईं. पुलिस टीम पर हमला बोल दिया गया. एक दर्जन से अधिक लोग इस उपद्रव में घायल हुए हैं.
बताया जा रहा है कि भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद प्रयागराज और कौशांबी में दो परिवारों से मिलने जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक लिया. इसके बाद ही सारा बवाल शुरू हुआ. चन्द्रशेखर जिस समय प्रयागराज एयरपोर्ट फ्लाइट से पहुंचे, उसी समय पुलिस चौकन्ना थी. चन्द्रशेखर कौशांबी के पाल परिवार से लोहांगा गांव और करछना के इसौटा गांव जाना चाह रहे थे.
हाउस अरेस्ट होने के बाद चन्द्र शेखर ने क्या कहा?
एयरपोर्ट से बाहर आते ही चंद्रशेखर के साथ उनके समर्थकों की गाडियां और लोग शामिल हो गए, लेकिन पुलिस ने उन्हें कौशांबी जाने से रोक लिया. उन्हें प्रयागराज सर्किट हाउस में हाउस अरेस्ट कर लिया. प्रयागराज के सर्किट हाउस में हाउस अरेस्ट होने के बाद चन्द्रशेखर ने कहा कि वह कौशांबी और करछना दोनों जगह जाना चाहते हैं. कौशांबी में वह पाल परिवार से मिलेंगे और करछना में वह उस दलित देवी शंकर के परिवार से मिलेंगे, जिसकी दो महीने पहले दबंगों ने हत्या कर दी थी.
कौशांबी में आठ साल की बच्ची से हुआ था रेप
दरअसल, कौशांबी जिले के सैनी थाना क्षेत्र के लोहांगा गांव में 27 मई को पाल समाज की एक 8 वर्षीय बच्ची के साथ कथित रेप का मामला सामने आया था. परिजनों ने गांव के ही एक युवक के खिलाफ केस दर्ज कराया. मामले के आरोपी सिद्धार्थ तिवारी के खिलाफ मुकदमा दर्जकर उसको जेल भेज दिया गया. 4 जून को आरोपी के पिता रामबाबू तिवारी ने बेटे को बेगुनाह बताते हुए आत्महत्या कर ली.
आरोपी के पिता ने कर ली थी आत्महत्या
मृतक रामबाबू ने अपने शरीर पर सुसाइड नोट लिखकर आरोप लगाया कि उसके बेटे को जबरन प्रधान भूप नारायण पाल ने चुनावी रंजिश के चलते फर्जी मुकदमे में फंसाकर जेल भिजवा दिया. पुलिस ने दूसरे पक्ष से भी मुकदमा लिखा. इसी समय पूरे मामले में सियासत शुरू हो गई. रेप के आरोप में जेल में बंद रामबाबू के बेटे को कोर्ट ने जमानत पर रिहा कर दिया है. रेप और पॉक्सो की धारा को हटा दिया गया है.
करछना में मिला था दलित युवक का शव
आरोपी के अधिवक्ता ने बताया कि 164 के तहत पीड़िता ने अपनी मां के कहने पर बयान देने की बात कही थी. मामले की जांच प्रतापगढ़ एसआईटी कर रही है. चन्द्रशेखर आजाद इसी पाल समाज के परिवार से मिलने कौशांबी जा रहे थे. वहीं करछना थाना क्षेत्र के इसौटा गांव में 12 अप्रैल की शाम को दलित युवक देवी शंकर को घर से कुछ लोगों ने गेहूं ढोने के बहाने बुलाया. अगले दिनसुबह उसका अधजला शव बरामद हुआ.
पीट-पीटकर की गई थी हत्या
आठ आरोपी किए गए थे गिरफ्तारइस मामले में 8 नामजद आरोपियों में आठों को गिरफ्तार किया गया, जिसमें संजय सिंह, मोहित सिंह, मनोज सिंह, अवधेश सिंह , दिलीप सिंह (छुट्टन), विमलेश गुप्ता , शेखर सिंह, अजय सिंह शामिल हैं. सभी को अनुसूचित जातिजनजाति अधिनियम सहित विभिन्न धाराओं के तहत जेल भेजा गया.
करछना बवाल की कहां तक पहुंची जांच
शुरू में देवी शंकर के कुछ परिजनों का कहना था कि उसकी हत्या इसलिए की गई क्योंकि उसने दबंगों द्वारा कहे गए गेहूं के बोझ उठाने के काम को करने इनकार कर दिया, लेकिन जांच में प्रेम संबंधों की बात सामने आई थी. वहीं करछना में उपद्रव और पुलिस पर हमला के मामले में वीडियो फुटेज और तस्वीरों के जरिये 50-60 लोगों की पहचान की गई है. इसके अलावा दो दर्जन लोग हिरासत में लिए गए हैं.
इलाके में फिलहाल शांति
बवाल शांत होने के बाद अफसरों ने आसपास के गांव में समन चेकिंग अभियान शुरू किया है. सभी संवेदनशील इलाकों में पुलिस और पीएसी तैनात है. अब तक दो दर्जन से लोगों को पुलिस हिरासत में लिया है. मौके से तीन दर्जन से अधिक लावारिस बाइक भी मिली हैं, जिन्हें पुलिस थाने ले आई है. इससे भी पुलिस को आरोपियों तक पहुंचने में मदद मिलेगी. फिलहाल इलाके में शांति है.