सीजी भास्कर, 6 नवंबर | कोरबा जिले में इस बार कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima Celebration Korba) भक्ति, श्रद्धा और रौशनी का अद्भुत संगम बन गई। हसदेव नदी के तट पर पांच दिवसीय महालक्ष्मी यज्ञ के समापन अवसर पर नमामि हसदेव सेवा समिति द्वारा मां हसदेव का 108 लीटर दूध से अभिषेक किया गया। इसके साथ ही 21,000 दीपों से जगमग हुई पूरी नदी—एक अलौकिक दृश्य जिसने श्रद्धालुओं को भक्ति में डुबो दिया।
मां हसदेव का अभिषेक और महाआरती बना आयोजन का केंद्र
5 नवंबर को हुए इस विशेष कार्यक्रम में हजारों श्रद्धालु शामिल हुए। मां सर्वमंगला मंदिर स्थित हसदेव नदी तट पर संतों और विद्वान पंडितों की उपस्थिति में महाआरती हुई। इस दौरान 101 जजमानों और बनारस से आए 11 पुजारियों ने वेद मंत्रों के बीच मां हसदेव (Hasdeo River Abhishek Korba) का पूजन-अभिषेक किया। दीपों की रौशनी, रंगोली और आतिशबाजी से पूरा तट दिव्यता से भर उठा।
Kartik Purnima Celebration Korba: छत्तीसगढ़ की ‘देव दिवाली’ ने बढ़ाई धार्मिक आस्था
दुर्गा आश्रम के रामबालक दास ने इस आयोजन को ‘छत्तीसगढ़ की देव दिवाली’ कहा। उन्होंने कहा कि देश की प्राण नदियों की रक्षा और पर्यावरण संरक्षण के लिए ऐसे कार्यक्रम बेहद जरूरी हैं। यह सिर्फ धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि संस्कृति और पर्यावरण के संरक्षण का संदेश है।
सुरक्षा में चाक-चौबंद प्रशासन और पुलिस बल
जिले में प्रशासन ने पूरी सुरक्षा व्यवस्था (Korba Kartik Purnima Security) सुनिश्चित की थी। हसदेव नदी किनारे भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात रहे। आयोजकों ने बताया कि कार्यक्रम में लगभग 5,000 लोग शामिल हुए, जबकि आसपास के क्षेत्रों से भी श्रद्धालु लगातार पहुंचते रहे।
झोराघाट बना आकर्षण का केंद्र — ‘मिनी गोवा’ में जुटी भीड़
कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर झोराघाट, जिसे लोग ‘मिनी गोवा’ के नाम से जानते हैं, जिले का सबसे चर्चित स्थल बन गया। यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्नान और पूजा-अर्चना के लिए पहुंचे। पहले जहां यह स्थान असामाजिक गतिविधियों के लिए कुख्यात था, वहीं इस बार पुलिस की सख्ती और समिति की निगरानी से पूरा माहौल शांतिपूर्ण और श्रद्धापूर्ण रहा।
Kartik Purnima Celebration Korba: जिले के पर्यटन स्थलों पर उमड़ी सैलानियों की भीड़
अगले दिन यानी 6 नवंबर को भी जिले के विभिन्न पर्यटन स्थलों पर लोगों का सैलाब उमड़ पड़ा। सतरेंगा, बुका, बांगो, परसाखोला और रजगामार जैसे Tourist Spots in Korba में सुबह से ही लोगों की भीड़ लगी रही।
सतरेंगा में बने रिसॉर्ट और रेस्टोरेंट्स में लोगों ने पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद लिया, जबकि परसाखोला के झरने ने प्रकृति प्रेमियों को आकर्षित किया। वहीं बांगो डैम और बुका जैसे पिकनिक स्पॉट भी परिवारों और दोस्तों के लिए एक दिन की सुकून भरी मंज़िल बने।
श्रद्धा, पर्यटन और संस्कृति का संगम बना कोरबा
कोरबा का यह आयोजन केवल एक धार्मिक कार्यक्रम नहीं था, बल्कि यह दर्शाता है कि कैसे आस्था और पर्यटन एक साथ लोगों को जोड़ सकते हैं। Kartik Purnima Celebration Korba ने जिले को सांस्कृतिक और धार्मिक दृष्टि से नई पहचान दी है — जहां नदी की लहरों में श्रद्धा झिलमिलाई और दीपों की रौशनी में परंपरा ने नया जीवन पाया।
