सीजी भास्कर, 17 अक्टूबर। छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले के रेंगाखार थाना अंतर्गत लोहारीडीह अग्निकांड की आंच पूरे छत्तीसगढ़ में फैली और काफी राजनीति भी चली। पक्ष विपक्ष के नेताओं के बयानों का लंबा सिलसिला चला. अब इस केस में नया मोड़ आया है।
आपको बता दें कि कबीरधाम जिले के लोहारीडीह गांव में रहने वाले शिवप्रसाद साहू की लाश 15 सितंबर को एमपी सीजी बॉर्डर में मध्यप्रदेश की सीमा के भीतर एक पेड़ से लटकी हुई मिली थी। परिजनों ने हत्या की आशंका जताई, लेकिन कबीरधाम पुलिस ने सॉर्ट पीएम रिपोर्ट के आधार पर शिवप्रसाद की मौत को आत्महत्या बता दिया था। मृतक शिवप्रकाश और लोहारीडीह के उप सरपंच रघुनाथ साहू के बीच पुरानी रंजिश थी। ऐसे में शिवप्रकाश की हत्या के शक में गांव के कई लोगों ने मिलकर रघुनाथ का घर जला दिया। रघुनाथ साहू की भी जिंदा जलकर मौत हो गई थी।
अब मध्यप्रदेश पुलिस ने खुलासा किया है कि शिवप्रसाद साहू उर्फ कचरु ने आत्महत्या नहीं की थी बल्कि उसकी हत्या हुई थी. शिवप्रसाद की हत्या के आरोप में मृतक रघुनाथ साहू के बेटे दिनेश साहू, भांजे रोमन साहू, टेकचन्द पटेल और राखीलाल हिरवानी को गिरफ्तार किया गया है।
मध्यप्रदेश पुलिस ने किया खुलासा
बालाघाट एसपी नागेंद्र सिंह ने मलाजखंड थाना में प्रेस कांफ्रेंस कर इस मामले का खुलासा किया है। एसपी नागेंद्र सिंह ने बताया कि बालाघाट जिले के बिरसा थाना अंतर्गत बीजाटोला के जंगल में 15 सितंबर की सुबह पेड़ पर फांसी से झुलती एक व्यक्ति की लाश मिली थी. मृतक की पहचान छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले के रेंगाखार थाना अंतर्गत लोहारीडीह के शिवप्रसाद साहू उर्फ कचरु के रुप में हुई थी।
बालाघाट एसपी ने बताया, प्रथम द्रष्टया शिवप्रसाद की मौत आत्महत्या लग रही थी, लेकिन परिजन इसे हत्या बता रहे थे। इस मौत के कारण लोहारीडीह गांव में मॉब लिंचिंग की घटना भी हुई थी. इस मामले की गंभीरता को देखते हुए बिरसा पुलिस ने जांच शुरू की और सायबर सेल की मदद से कॉल डिटेल के आधार पर रघुनाथ साहू के बेटे से पूछताछ में उन्होंने हत्या करना कबूल किया।