सीजी भास्कर, 17 दिसंबर। छत्तीसगढ़ में सड़क दुर्घटनाओं की तस्वीर लगातार चिंताजनक होती जा रही है। वर्ष 2023 से लेकर 15 नवंबर 2025 तक प्रदेश में कुल 41,829 सड़क दुर्घटनाएं (Kedarnath Kashyap Statement) दर्ज की गईं, जिनमें 19,066 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 35,761 लोग घायल या गंभीर रूप से घायल हुए हैं। यह जानकारी परिवहन मंत्री केदार कश्यप ने बुधवार को विधानसभा में एक लिखित उत्तर के माध्यम से दी।
यह आंकड़े उस समय सामने आए जब विधायक अजय चंद्राकर ने सड़क दुर्घटनाओं, उनके कारणों, रोकथाम के उपायों और पीड़ितों को मिलने वाली सहायता को लेकर विस्तृत प्रश्न पूछे थे। मंत्री ने स्पष्ट किया कि पिछले दो वर्षों की तुलना में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में वृद्धि दर्ज की गई है।
क्यों बढ़ रहे हैं सड़क हादसे?
परिवहन मंत्री केदार कश्यप ने अपने लिखित जवाब में दुर्घटनाओं के बढ़ते मामलों के पीछे कई प्रमुख कारण गिनाए। उन्होंने बताया कि अक्टूबर 2025 तक छत्तीसगढ़ में 90,56,532 पंजीकृत वाहन (Kedarnath Kashyap Statement) हो चुके हैं और हर साल वाहनों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है। इसके अलावा सड़कों की बेहतर स्थिति के कारण ओवरस्पीडिंग की प्रवृत्ति बढ़ी है।
मंत्री के अनुसार, सड़क हादसों के प्रमुख कारणों में तेज रफ्तार, लापरवाही से वाहन चलाना, शराब पीकर ड्राइविंग, बिना हेलमेट और बिना सीट बेल्ट वाहन चलाना तथा परमिट शर्तों का उल्लंघन शामिल है। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि परिवहन विभाग द्वारा अब तक किसी स्वतंत्र विशेषज्ञ एजेंसी से इस विषय पर शोध नहीं कराया गया है।
रोकथाम के प्रयास और विभागीय पहल
सरकार ने सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए विभिन्न विभागों के माध्यम से जागरूकता अभियान और यातायात नियमों के पालन को सख्ती से लागू करने के कदम उठाए हैं। हालांकि, सदन में दिए गए उत्तर में यह भी सामने आया कि दुर्घटनाओं की जड़ तक पहुंचने के लिए किसी व्यापक शोध रिपोर्ट का अभाव अभी भी बना हुआ है।
गोल्डन आवर में कैशलेस इलाज की सुविधा
सड़क दुर्घटना पीड़ितों को तत्काल चिकित्सा सहायता देने के उद्देश्य से केंद्र सरकार द्वारा “सड़क दुर्घटना पीड़ितों का नकदी उपचार स्कीम 2025” लागू (Kedarnath Kashyap Statement) की गई है। परिवहन मंत्री ने बताया कि मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 162 के तहत जारी अधिसूचना के अनुसार, दुर्घटना के बाद स्वर्णिम काल (Golden Hour) में पीड़ित को ₹1,50,000 तक का इलाज पूरी तरह कैशलेस मिलेगा।
यह सुविधा सरकार द्वारा अधिकृत अस्पतालों में उपलब्ध होगी और अधिकतम 7 दिनों तक उपचार किया जा सकेगा। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि दुर्घटना के तुरंत बाद इलाज के लिए पीड़ित या उसके परिजनों को पैसों की व्यवस्था में समय न गंवाना पड़े।


