अब बिलासपुर NIA अदालत में होगी सुनवाई
याचिका दायर करने तैयारी, न्यायिक रिमांड और संसद के बाहर प्रदर्शन
सीजी भास्कर, 30 जुलाई। मानव तस्करी और धर्मांतरण के एक मामले में छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में गिरफ्तार केरल की दो ननों को आज बड़ा कानूनी झटका लगा है।
निचली अदालत और अब सेशन कोर्ट ने उनकी जमानत याचिकाएं खारिज कर दी हैं।

आज सेशन कोर्ट के जज अनीश दुबे ने फैसला सुनाया कि यह मामला उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर है, क्योंकि इसमें मानव तस्करी शामिल है, इसे एनआईए अदालत के दायरे में रखा गया है।

आपको बता दें कि अब इस मामले की सुनवाई बिलासपुर स्थित एनआईए अदालत में होगी।
शिकायतकर्ता के अधिवक्ता राजकुमार तिवारी NIA कोर्ट में याचिका दायर करने की तैयारी कर रहे हैं।
दूसरी तरफ नन न्यायिक हिरासत में ही रहेंगी। केरल की रहने वाली दोनों कैथोलिक नन फिलहाल दुर्ग केंद्रीय जेल में बंद हैं।

गौरतलब हो कि नन प्रीति मैरी और वंदना फ्रांसिस के साथ सुकमन मंडावी को 25 जुलाई को छत्तीसगढ़ के दुर्ग रेलवे स्टेशन पर राजकीय रेलवे पुलिस (GRP) ने एक स्थानीय बजरंग दल पदाधिकारी की शिकायत पर गिरफ्तार किया था।
बजरंग दल के पदाधिकारी ने उन पर राज्य के आदिवासी बहुल नारायणपुर ज़िले की तीन महिलाओं का जबरन धर्मांतरण और उनकी तस्करी करने का आरोप लगाया था।