सीजी भास्कर, 28 सितंबर। छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन ने हर साल की तरह इस बार भी दशहरा के बाद किसानों की बड़ी सभा आयोजित करने का निर्णय लिया है। संगठन की ओर से बताया गया कि आगामी रविवार 12 अक्टूबर को जिला दुर्ग के बोरी में प्रदेश स्तरीय किसान महापंचायत (Kisan Mahapanchayat) होगी। इस महापंचायत में केंद्र और राज्य सरकारों के कृषि कानून, नीति, कार्यक्रम और योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की जाएगी।
संगठन के संयोजक एड. राजकुमार गुप्त ने जानकारी दी कि इस बार महापंचायत में केवल कृषि कानून (AgriculturePolicy) ही नहीं, बल्कि किसानों से जुड़ी विभिन्न स्थानीय और क्षेत्रीय समस्याओं पर भी मंथन होगा। इनमें भू-अर्जन, गैस पाइपलाइन, बिजली ट्रांसमिशन लाइन, खाद और बीज की कमी जैसी दिक्कतें शामिल हैं। इसके अलावा किसानों की मुख्य समस्या सरकारी खरीद में आ रही बाधाओं और उचित मूल्य प्राप्त न होने के मुद्दे पर भी गंभीर विमर्श किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि किसानों को भूमि अधिग्रहण से मिलने वाले मुआवजे में आ रही कठिनाई, कृषि और डेयरी उत्पादों के भंडारण एवं प्रसंस्करण की कमी तथा खेतों में आवारा मवेशियों से फसलों को हो रहे नुकसान (FarmersIssues) पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। महापंचायत का उद्देश्य सरकार को इन समस्याओं से अवगत कराना और समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाने का आग्रह करना है।
संगठन ने यह भी स्पष्ट किया कि किसान महापंचायत में केवल स्थानीय मुद्दों तक सीमित नहीं रहा जाएगा, बल्कि वैश्विक परिप्रेक्ष्य पर भी चर्चा होगी। अमेरिका के टैरिफ वार (FarmersProtest) का कृषि और दुग्ध उत्पादन पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर विशेषज्ञ अपने विचार साझा करेंगे। यह विमर्श किसानों को वैश्विक आर्थिक नीतियों के असर को समझने और भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करने में सहायक होगा।
एड. गुप्त ने बताया कि किसान महापंचायत से लिए गए निर्णयों को सरकार तक पहुँचाया जाएगा और उनके निराकरण की दिशा में ठोस प्रयास किए जाएंगे। संगठन ने प्रदेश भर के किसान प्रतिनिधियों से अपील की है कि वे अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर अपने विचार रखें। इस महापंचायत (ChhattisgarhFarmers) में भागीदारी से किसान एकजुट होकर अपनी समस्याओं और सुझावों को सरकार के सामने मजबूती से रख पाएंगे।