सीजी भास्कर, 5 नवंबर। जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के छत्रू के कलाबन फॉरेस्ट एरिया में बुधवार सुबह (Kishtwar Terrorist Encounter) के दौरान सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ छिड़ गई। सूत्रों के मुताबिक, आतंकियों की तरफ से हुई फायरिंग में एक जवान घायल हो गया है, जिसे इलाज के लिए नजदीकी सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
(Kishtwar Terrorist Encounter) की पुष्टि करते हुए व्हाइट नाइट कॉर्प्स ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर जानकारी दी कि पुलिस को आतंकियों की मौजूदगी की पुख्ता सूचना मिली थी। इसके बाद सेना और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के साथ एक जॉइंट ऑपरेशन शुरू किया गया, जिसे ‘ऑपरेशन छत्रू’ नाम दिया गया है। इलाके को चारों तरफ से घेर लिया गया है और दोनों ओर से लगातार फायरिंग हो रही है।
सूत्रों के अनुसार, छत्रू के जंगलों में दो से तीन आतंकी छिपे हुए हैं, जो ऊंचाई वाले घने इलाकों का फायदा उठा रहे हैं। सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके में सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया है। आसपास के गांवों में लोगों से घरों के भीतर रहने की अपील की गई है।
आतंकियों का नेटवर्क फिर से सक्रिय
स्थानीय खुफिया सूत्र बताते हैं कि किश्तवाड़ के इस इलाके में पिछले कुछ महीनों से आतंकी ग्रुप एक्टिव हैं। ऊंचाई वाले इलाकों में छिपकर ये छोटे-छोटे समूहों में सक्रिय रहते हैं। सुरक्षाबल लगातार उनके मूवमेंट पर नजर रखे हुए हैं और हाल के महीनों में कई बार इन इलाकों में एनकाउंटर हो चुके हैं। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि ये आतंकी संगठन पाकिस्तान से भेजे गए हैं और स्थानीय स्तर पर अपने ठिकाने मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं। सेना, पुलिस और CRPF लगातार ऑपरेशन ऑल आउट के तहत उनकी खोज में जुटी है।
पिछले सात महीनों में छह बड़ी मुठभेड़ें
21 सितंबर : छत्रू इलाके में आतंकी ग्रुप से एनकाउंटर।
13 सितंबर : नायदग्राम में हुई मुठभेड़ में दो जवान शहीद, दो घायल।
11 अगस्त और 2 जुलाई : दुल और छत्रू बेल्ट में हिंसक झड़पें, आतंकी भाग निकले।
22 मई : सिंगापुर इलाके में एक जवान शहीद, दो आतंकी ढेर।
12 अप्रैल : अखनूर सेक्टर में घुसपैठ की कोशिश नाकाम, तीन आतंकी मारे गए।
किश्तवाड़ का छत्रू क्यों बन रहा है टेरर हॉटस्पॉट
पिछले एक साल में किश्तवाड़ के इस इलाके में सबसे ज्यादा आतंकी मूवमेंट रिकॉर्ड हुए हैं। पहाड़ी इलाका, घने जंगल और सीमावर्ती स्थिति इसे आतंकियों के लिए सुरक्षित ठिकाना बनाते हैं। इलाके के ग्रामीणों ने कई बार संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी सुरक्षाबलों को दी है। ग्रामीणों को भी सुरक्षा बलों द्वारा अलर्ट पर रखा गया है।
