सीजी भास्कर 9 मार्च पश्चिम बंगाल में आरजी कर मेडिकल कॉलेज में जिस डॉक्टर के साथ रेप और हत्या की घटना हुई थी, उनकी मां ने कहा कि वो पति के साथ पीएम मोदी से मुलाकात करना चाहती हैं. अपनी बेटी को न्याय दिलाने के लिए वो प्रधानमंत्री से मिलना चाहती हैं. अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर बेटी को याद करते हुए दुखी मां ने राज्य की महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है.
उन्होंने कहा कि मैं प्रधानमंत्री से मिलना चाहूंगी. उनसे बेटी के हत्या के मामले में उनकी सहायता चाहूंगी. हमारी मृतक डॉक्टर के लिए न्याय की हमारी अपील पर विचार करने को लेकर उनसे मदद मागूंगी.पिछले साल 9 अगस्त को कोलकाता के सरकारी अस्पताल में 31 साल की जूनियर डॉक्टर के साथ रेप की वारदात हुई और उसकी बेरहमी से हत्या कर दी गई. इस घटना के बाद पूरे देश के लोगों में आक्रोश फैल गया. एक मां ने आंखों में बेटी के सपने को लेकर कहा कि हमारी बेटी ने बड़े सपने देखे थे.
हमने कभी नहीं सोचा था कि उसे ऐसी मौत मरनी पड़ेगी. उसे हमसे दूर गए हुए सात महीने हो गए हैं, लेकिन उसे अभी तक न्याय नहीं मिल पाया. हमारे पास उसकी मौत का भी सर्टिफिकेट भी नहीं है.उन्होंने कहा कि अगर एक महिला डॉक्टर अपने वर्कप्लेस पर सुरक्षित नहीं है, तो सुरक्षा कहां है? मां की प्रधानमंत्री से मिलने की इच्छा पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी विधायक अग्निमित्र पॉल ने कहा कि प्रधानमंत्री से मिलने का समय मांगने की एक प्रक्रिया होती है. मुझे यकीन है कि हमारे प्रधानमंत्री उनसे मुलाकात करेंगे और उनकी अपील भी सुनेंगे.हमारी नेता ममता बनर्जी ने पहले कदम उठाया तृणमूल कांग्रेस की नेता और राज्य की वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा कि इस देश में किसी को भी प्रधानमंत्री से मिलने का समय मांगने और उनसे मिलने का अधिकार है.
लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हमारी नेता ममता बनर्जी ने ही पहला कदम उठाया था और अपराधी को गिरफ्तार किया गया था. यहां तक कि जांच एजेंसी भी अपने जांच में आए पहुलओं से अलग नहीं हो सकती.राज्य की एक जिला अदालत ने 20 जनवरी को रेप और हत्या के मामले में दोषी कोलकाता पुलिस के नागरिक स्वयंसेवक संजय रॉय को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.
सीबीआई और राज्य सरकार दोनों ने संजय के लिए मृत्युदंड की मांग करते हुए कलकत्ता हाई कोर्ट में अपील दायर की थी.हाई कोर्ट ने 7 फरवरी को केंद्रीय जांच एजेंसी की इसी तरह की याचिका को स्वीकार करते हुए संजय को दी गई निचली अदालत की आजीवन कारावास की सजा को चुनौती देने वाली राज्य सरकार की अपील को स्वीकार करने से मना कर दिया था.