सीजी भास्कर, 22 अक्टूबर। वनांचल क्षेत्र के सोलवा गांव से लापता ग्रामीण सुखसागर (36) का कंकाल एक माह बाद गांव के पास जंगल में मिला है। (Korba Missing Man Case) ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। पुलिस ने प्रारंभिक जांच में आत्महत्या की आशंका जताई है, हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत की असली वजह सामने आ पाएगी।
बेटे के एक्सीडेंट के बाद हुआ था लापता
कोरबा जिले की श्यांग थाना पुलिस के अनुसार, 15 सितंबर को सुखसागर के बड़े बेटे का एक्सीडेंट हुआ था, जिसमें उसके दोनों पैर फ्रैक्चर हो गए थे। हादसे के बाद बेटे को जिला मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 18 सितंबर को सुखसागर बेटे से मिलने अस्पताल गया था। बेटे को देखने के बाद उसने घर लौटने की बात कही, लेकिन इसके बाद से वह घर नहीं पहुंचा। परिजनों ने तीन दिन इंतजार करने के बाद 21 सितंबर को श्यांग थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। तब से पुलिस उसकी तलाश में जुटी थी, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला।
जंगल में मिला कंकाल, पेड़ से बंधे मिले कपड़े
शनिवार की सुबह गांव के कुछ लोग लकड़ी लेने जंगल की ओर गए, तभी एक पेड़ के नीचे उन्हें इंसानी हड्डियां और कपड़े नजर आए। उन्होंने तुरंत ग्रामीणों और पुलिस को सूचना दी। श्यांग थाना प्रभारी विनोद सिंह पुलिस दल के साथ मौके पर पहुंचे और क्षेत्र को घेराबंदी कर जांच शुरू की। मौके पर एक गमछा पेड़ की डाली से बंधा मिला, जबकि नीचे जमीन पर कुछ कपड़े और जूते पड़े थे। परिजनों को बुलाया गया, जिन्होंने कपड़ों के आधार पर मृतक की पहचान सुखसागर के रूप में की। फोरेंसिक टीम (Korba Missing Man Case) को भी जांच के लिए बुलाया गया है।
पुलिस ने जताई आत्महत्या की आशंका
श्यांग थाना प्रभारी विनोद सिंह ने बताया कि प्रारंभिक रूप से यह मामला आत्महत्या का लग रहा है। घटनास्थल से किसी तरह की संघर्ष या हत्या के संकेत नहीं मिले हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि “फोरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद ही मौत की वास्तविक वजह का पता चल सकेगा।” पुलिस ने नरकंकाल को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया है। फिलहाल मामले में मर्ग कायम कर जांच जारी है।
परिवार सदमे में, नहीं पता चला कारण
सुखसागर के परिजन उसकी आत्महत्या के पीछे किसी घरेलू या आर्थिक तनाव की पुष्टि नहीं कर पा रहे हैं। परिजनों ने बताया कि वह शांत स्वभाव का था और बेटे के एक्सीडेंट के बाद से कुछ परेशान जरूर रहता था, लेकिन आत्महत्या जैसी बात उन्होंने कभी नहीं सोची थी। गांव में लोग घटना को लेकर स्तब्ध हैं। फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल से साक्ष्य जुटाए हैं। पुलिस ने कहा है कि पेड़ से बंधे गमछे और कपड़ों की जांच कर यह पता लगाया जाएगा कि यह आत्महत्या है या कोई अन्य वजह छिपी है।