सीजी भास्कर, 27 अप्रैल : जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा (Kupwara) जिले में शनिवार को सुरक्षा बलों ने एक आतंकवादी ठिकाने का भंडाफोड़ करते हुए भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया। इस कार्रवाई में 5 एके-47 राइफल, 8 एके-47 मैगजीन, 1 पिस्तौल, 1 पिस्तौल मैगजीन, 660 एके-47 गोला-बारूद के राउंड, 1 पिस्तौल राउंड और 50 एम4 गोला-बारूद के राउंड जब्त किए गए।
सुरक्षा बलों ने विशेष खुफिया जानकारी के आधार पर उत्तरी कश्मीर के मुश्ताकाबाद माछिल (समशा बेहक वन क्षेत्र) के सेदोरी नाला के जंगली इलाके में तलाशी अभियान शुरू किया। इस दौरान एक आतंकवादी (Kupwara) ठिकाने का सफलतापूर्वक पता लगाया गया, जिसे बाद में नष्ट कर दिया गया।
यह कार्रवाई सुरक्षा बलों के लिए एक महत्वपूर्ण सफलता मानी जा रही है, जिसने आतंकवादियों के नापाक मंसूबों को बड़ा झटका दिया है और नागरिकों के जीवन तथा सार्वजनिक सुरक्षा के लिए संभावित खतरों को टालने में मदद की है। उल्लेखनीय है कि दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के लोकप्रिय पर्यटन स्थल पहलगाम के पास आतंकवादियों की गोलीबारी में 26 लोग मारे गए, जिनमें अधिकांश पर्यटक थे।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक टीम जम्मू-कश्मीर में हालिया आतंकी हमले की जांच के लिए पहुंची है, जिसका नेतृत्व एक आईजी स्तर के अधिकारी कर रहे हैं। सुरक्षा एजेंसियों ने इस हमले में शामिल होने के संदेह में तीन संदिग्धों के स्केच जारी किए हैं, जिनकी पहचान पाकिस्तानी नागरिकों के रूप में की गई है। इन संदिग्धों के नाम आसिफ फौजी, सुलेमान शाह और अबू तल्हा हैं।
इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा के छद्म संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) ने ली है। इस हमले का मास्टरमाइंड लश्कर का आतंकवादी सैफुल्लाह खालिद बताया जा रहा है, जिसे सैफुल्लाह कसूरी के नाम से भी जाना जाता है। वह भारत के सबसे बड़े दुश्मन हाफीज सईद का करीबी सहयोगी है।
सैफुल्लाह खालिद का नाम भारत में कई बड़े आतंकी हमलों में सामने आया है। वह हमेशा लग्जरी कारों का इस्तेमाल करता है और अत्याधुनिक हथियारों से लैस रहता है। 5 अगस्त 2019 को संविधान में संशोधन कर जम्मू-कश्मीर से धारा 370 और 35ए को हटाने के बाद, लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद को कवर करने के लिए टीआरएफ का गठन किया गया था।