नई दिल्ली, 11 अप्रैल। Lawyer Challenged ‘Tahavvur Rana’ In Court : मुंबई हमले का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की हिरासत में है। तहव्वुर हुसैन राणा मामले पर वरिष्ठ वकील दयान कृष्णन एनआईए की ओर से अदालत में अभियोजन का नेतृत्व करेंगे।
सीनियर वकील दयान कृष्णन, जिन्होंने पहले 26/11 के सह-साजिशकर्ता डेविड कोलमैन हेडली के खिलाफ प्रत्यर्पण कार्यवाही का नेतृत्व किया था। अब तहव्वुर राणा के खिलाफ एक मजबूत मामला बनाने में एनआईए की अभियोजन टीम का नेतृत्व करेंगे। आतंकी राणा को गुरुवार देर रात भारत प्रत्यर्पित किया गया है।
दया कृष्णन के साथ सीनियर वकील नरेंद्र मान भी
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, कृष्णन को एक टीम का सहयोग मिलेगा, जिसमें अनुभवी आपराधिक वकील और विशेष अभियोजक नरेंद्र मान शामिल हैं, जो पहले दिल्ली हाई कोर्ट में सीबीआई का प्रतिनिधित्व कर चुके (Lawyer Challenged ‘Tahavvur Rana’ In Court)हैं। रिपोर्ट में यह भी खुलासा किया गया है कि कृष्णन ने राणा के खिलाफ प्रत्यर्पण मामले में अहम भूमिका निभाई थी।
प्रत्यर्पण की शुरुआत से ही NIA से जुड़े रहे कृष्णन
उनकी टीम ने अमेरिकी न्यायपालिका के समक्ष ठोस सबूत पेश किए था। इसके कारण आतंकी राणा की सभी अपीलें अमेरिकी कोर्ट में खारिज हो गईं। दयान कृष्णन 2019-20 में प्रत्यर्पण प्रक्रिया की शुरुआत से ही एनआईए के साथ जुड़े रहे हैं। उन्होंने और उनकी टीम ने भारत का मामला पेश करने के लिए एनआईए के साथ अमेरिका की यात्रा भी की थी।
राणा की क्राइम कुंडली खंगालने में कृष्णन की अहम भूमिका
एनआईए के एक अधिकारी ने कहा कि तहव्वुर राणा की क्राइम कुंडली खंगालने और उनको इकट्ठा करने के लिए सीनियर वकील कृष्णन की भूमिका महत्वपूर्ण रही (Lawyer Challenged ‘Tahavvur Rana’ In Court)है। कृष्णन की मदद से कोर्ट में ये दिखाया जा सके कि भारत जिन आरोपों की जांच कर रहा है, वे अमेरिका में पहले से चल रहे अभियोगों से अलग हैं।
निर्भया मामले में दिल्ली पुलिस की ओर से लड़ा केस
कृष्णन को संवेदनशील और हाई-प्रोफाइल मामलों को संभालने के लिए लंबे समय से जाना जाता है। 2012 में उन्हें निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा विशेष सरकारी अभियोजक नियुक्त किया गया था।
उन्होंने स्वेच्छा से अभियोजन का नेतृत्व किया था। उस समय अपनी भूमिका पर विचार करते हुए उन्होंने कहा, ‘अपराध के बाद, मुझे लगा कि समाज के प्रति मेरा कर्तव्य है। समाज के प्रति अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए मैं निश्चित रूप से पैसा नहीं कमाऊंगा।’
डेविड हेडली केस में कृष्णन ने NIA की मदद की
दया कृष्णन 26/11 मुंबई आतंकी हमलों के साजिशकर्ता डेविड कोलमैन हेडली के प्रत्यर्पण मामले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वे एनआईए के लिए एक विशेष अभियोजक रहे हैं और हेडली के साथ-साथ अब तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया में शामिल रहे।
डेविड हेडली, जिसका असली नाम दाऊद गिलानी है, लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम करने वाला एक पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हेडली वर्तमान में अमेरिका में जेल में बंद है। जहां वह 26/11 मुंबई हमलों में अपनी भूमिका के लिए 35 साल की सजा काट रहा है।
करीब 30 साल का कानूनी करियर
नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी (NLSIU), बेंगलुरु के पूर्व छात्र कृष्णन का कानूनी करियर करीब 30 साल का है। वे 2001 के संसद हमले, कावेरी जल विवाद, दूरसंचार मामले, गोवा बाल शोषण कांड, नीतीश कटारा हत्या और उपहार सिनेमा त्रासदी सहित कई प्रमुख मामलों का हिस्सा रहे हैं।
वहीं, इनके दूसरे साथी नरेंद्र मान भी कानूनी मामलों के अनुभवी हैं और उन्हें तीन दशक से भी अधिक का अनुभव है। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के कैंपस लॉ सेंटर और किरोड़ीमल कॉलेज से पढ़ाई की है।