सीजी भास्कर, 6 अक्टूबर। प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई पर जूता फेंकने के प्रयास की घटना को बार काउंसिल आफ इंडिया (बीसीआइ) ने गंभीरता से लिया है। काउंसिल के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा ने आरोपित (Lawyer Suspension) वकील राकेश किशोर का लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निलंबित करके कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है।
निलंबन की अवधि में वकील (Lawyer Suspension) राकेश किशोर देश की किसी भी अदालत या ट्रिब्युनल में वकील के तौर पर पेश नहीं हो सकते। 15 दिन में कारण बताओ नोटिस का जवाब मांगा गया है जिसमें उन्हें बताना होगा कि क्यों न इस आदेश को जारी रखा जाए। काउंसिल ने कहा है कि राकेश किशोर के विरुद्ध कानून के मुताबिक अनुशासनात्मक (Lawyer Suspension) कार्रवाई भी होगी।
बीसीआइ ने दिल्ली बार काउंसिल से कहा है कि वह आरोपित (Lawyer Suspension) वकील के निलंबन की बात अपडेट करे। सुप्रीम कोर्ट और सभी हाई कोर्टों व ट्रिब्युनलों को यह आदेश भेजा जाएगा ताकि उन्हें पता रहे कि वकील राकेश किशोर निलंबित कर दिए गए हैं और किसी कोर्ट में वकील के तौर पर पेश नहीं हो सकते।
काउंसिल ने कहा है कि राकेश किशोर का आचरण अदालत की गरिमा के विरुद्ध और नियमों का उल्लंघन करने वाला है। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन और सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट आन रिकार्ड एसोसिएशन ने भी प्रस्ताव जारी कर सीजेआइ पर जूता उछालने की घटना की निंदा की है।
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने घटना को स्तब्ध करने वाली बताते हुए कहा कि बार और बेंच न्याय प्रणाली के दो स्तंभ हैं। दोनों एक दूसरे का सम्मान करते हैं। जो भी बार बेंच के इस पवित्र बांड को कमजोर करने की कोशिश करता है, वह सिर्फ इस संस्था को ही नहीं बल्कि देश के न्यायिक ताने-बाने को भी नुकसान पहुंचाता है। सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट आन रिकार्ड एसोसिएशन ने कोर्ट से अनुरोध किया है कि वह इस घटना पर स्वत: संज्ञान लेते हुए न्यायालय की अवमानना की (Lawyer Suspension) कार्रवाई शुरू करे।
सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, “प्रधान न्यायाधीश की अदालत में यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है और इसकी निंदा की जानी चाहिए। यह इंटरनेट मीडिया में गलत सूचना का परिणाम है। यह वास्तव में उत्साहजनक है कि प्रधान न्यायाधीश ने उदारता के साथ प्रतिक्रिया व्यक्त की। मैं केवल यही आशा करता हूं कि इस उदारता को अन्य लोग संस्था की कमजोरी के रूप में न देखें।”