सीजी भास्कर, 18 नवंबर | छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के महाधिवक्ता प्रफुल्ल एन. भारत ने 17 नवंबर की शाम राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया।
इस्तीफे की खबर सामने आने के बाद Legal Appointment Shift को लेकर राज्य के कानूनी गलियारों में तेज हलचल है।
अभी राजभवन ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि इस्तीफा मंज़ूर हुआ है या नहीं, लेकिन सरकार और विधि विभाग दोनों स्तरों पर बैठकों का दौर जारी है।
दोपहर में पैरवी, रात में इस्तीफा — यह बदलाव अचानक क्यों?
इस्तीफे से कुछ घंटे पहले तक महाधिवक्ता भारत कई मामलों में राज्य सरकार की तरफ से हाईकोर्ट में पैरवी कर रहे थे।
दोपहर 4.30 बजे उन्होंने अगले दिन होने वाली सुनवाई की तैयारियों को लेकर टीम को दिशा-निर्देश दिए और रात करीब 9 बजे इस्तीफे की खबर फैल गई, जिससे पूरा कानूनी तंत्र चौंक गया।
Legal Transition हटाए जाने से पहले दिया इस्तीफा?
कानूनी सूत्रों का कहना है कि विधि मंत्री और प्रशासनिक स्तर पर पहले से बदलाव की तैयारी चल रही थी।
महाधिवक्ता का पद भले संवैधानिक है, लेकिन नियुक्ति पूरी तरह राजनीतिक परिस्थितियों पर निर्भर होती है—और इन्हीं संकेतों के बीच भारत का इस्तीफा अचानक नहीं माना जा रहा।
बदलाव की आहट मिलते ही उन्होंने स्वयं पद छोड़ने का निर्णय लिया होगा, ऐसी चर्चा चल रही है।
AG कार्यालय में बड़ा बदलाव तय?
महाधिवक्ता के इस्तीफे के बाद अब एडिशनल AG, डिप्टी AG और शासकीय अधिवक्ताओं तक व्यापक फेरबदल की संभावना है।
विधि विभाग में नई नेतृत्व-पसंद के अनुरूप नियुक्तियाँ किए जाने की चर्चा गहराई पकड़ रही है।
Senior Legal Panel अब कौन बन सकता है नया महाधिवक्ता?
राज्य सरकार जल्द नए महाधिवक्ता की नियुक्ति करेगी।
चर्चा में शामिल नामों में:
- AAG यशवंत ठाकुर
- AAG विवेक शर्मा
- सीनियर एडवोकेट मनोज परांजपे
तीनों नामों को Senior Legal Panel में संभावित दावेदार के रूप में देखा जा रहा है।
जानकारों का मानना है कि इस बार नियुक्ति में संघ (RSS) की पसंद भी अहम भूमिका निभा सकती है, जिससे रेस और दिलचस्प हो गई है।
केंद्र की पैरवी करने वाले सीनियर वकील भी सक्रिय
सूत्रों के मुताबिक हाईकोर्ट में केंद्र सरकार की पैरवी करने वाले कुछ सीनियर एडवोकेट भी सक्रिय हो गए हैं।
वह भी महाधिवक्ता पद के लिए अपनी ओर से संपर्क और लॉबिंग (lobbying) बढ़ा रहे हैं।
Power Shift in AG Office नए विधि मंत्री की पसंद भी मायने रखेगी
विधि विभाग में हाल ही में हुए नेतृत्व परिवर्तन के कारण AG ऑफिस में नई पसंद और नए समीकरणों का असर दिखना तय माना जा रहा है।
पहले डिप्टी सीएम द्वारा चुनी गई टीम को प्राथमिकता मिली थी; अब नए मंत्री के करीबी वकीलों को मौका मिलने की संभावना बढ़ गई है।
इस वजह से नियुक्ति का फैसला सिर्फ योग्यता नहीं, बल्कि राजनीतिक विश्वास और कार्य-शैली के आधार पर भी तय हो सकता है।
प्रफुल्ल भारत का सफर—जगदलपुर से सीनियर एडवोकेट तक
जगदलपुर जिला कोर्ट से करियर शुरू करने वाले भारत 2014–2018 तक अतिरिक्त महाधिवक्ता रहे, फिर सीनियर एडवोकेट बने।
उनकी प्रशासनिक शैली और अदालत में प्रभावी पैरवी की चर्चा हमेशा रही है।
इस्तीफे से उनके कार्यकाल का अचानक अंत और भी महत्वपूर्ण हो गया है।
