सीजी भास्कर, 24 अप्रैल। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के विकासखण्ड छुरा अंतर्गत ग्राम कोठीगांव के रहने वाले बुजुर्ग दर्शन नेताम ने साहस एवं बहादुरी का परिचय देते हुए अपनी जान पर खेलकर 4 वर्षीय पोते प्रदीप नेताम को तेंदुआ (Leopard ATTACKS) के जबड़े से छुड़ाया।
आंगन में खेल रहे बालक प्रदीप को जरा भी एहसास नहीं था कि तेंदूआ उन पर हमला कर उन्हें ले जायेगा।
बालक पर झपट्टा मारकर जंगल की ओर ले जाते हुए तेंदूआ (Leopard ATTACKS) को जैसे ही प्रदीप के दादा ने देखा उन्होंने अपनी जान की परवाह न करते हुए तेंदूए की ओर दौड़ लगाई। अधिक दूरी पर नहीं गये तेंदूए के पीठ पर कूदकर उन्होंने अपने पोते को उनके जबड़े से छुड़ाया। तत्पश्चात तेंदुआ जंगल की ओर भाग निकला। इसमें बालक प्रदीप को तेंदूए के पंजे के हमले से हल्की चोट आई, लेकिन जान बच गई।
बुजुर्ग दर्शन सिंह के वीरता भरे कार्य से खुशी जताते हुए कलेक्टर भगवान सिंह उइके ने आज उन्हें कलेक्टोरेट सभाकक्ष में डीएफओ लक्ष्मण सिंह की मौजूदगी में स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया। इस दौरान कलेक्टर ने बुजुर्ग दर्शन नेताम के साथ आये उनके पोते बालक प्रदीप का स्वास्थ्यगत हालचाल जाना एवं अच्छे स्वास्थ्य की कामना की। उन्होंने बुजुर्ग दर्शन नेताम के हौसले एवं जज्बे को सलाम करते हुए अपने पोते की जान बचाने एवं उन्हें नई जीवन प्रदान करने उनकी खूब प्रशंसा की।
इसके साथ ही जंगलों के नजदीक रहने वाले ग्रामीणों से जंगली जानवरों (Leopard ATTACKS) से सतर्क रहने की अपील की। उन्होंने कहा कि ग्रामीण बिना सुरक्षा साधनों एवं अंधेरों में जंगलों में न जाये। कहीं भी रहवासी इलाकों में जंगली जानवरों के दिखाई दिने पर तत्काल वन विभाग के अमलों को सूचित करे। इस दौरान डीएफओ लक्ष्मण सिंह ने भी बुजुर्ग दर्शन नेताम के वीरता की प्रशंसा करते हुए जंगली जानवरों से सतर्क एवं सुरक्षित रहने की अपील की।