सीजी भास्कर, 4 अप्रैल |
साइबर क्रिमिनल और ठग लोगों को ठगने के लिए हर रोज नए-नए हथकंडे अपना रहे हैं। हाल ही में लोन दिलाकर ठगी का केस चर्चा में है। इस स्कैम में कंपनी के लोग पहले टारगेट को कॉल करते हैं, फिर लोन और उसके फायदे के बारे में बताते हैं। बिना बैंक जाए लाखों का लोन दिलाते हैं।
इसी पैटर्न पर रायपुर की आरवी ग्रुप एडवाइजर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने करीब 140 लोगों से धोखाधड़ी की है। कंपनी ने असिस्टेंट प्रोफेसर को भी फंसाया। बिना बैंक जाए घर बैठे असिस्टेंट प्रोफेसर को 5 अलग-अलग बैंकों से 72 लाख रुपए का लोन दिलाया। लोन की किस्तें खुद भरने का वादा किया, लेकिन नहीं चुकाई।
कंपनी में 4 पार्टनर हैं, जो सिर्फ पढ़े-लिखे और नौकरीपेशा लोगों को ही टारगेट करते हैं। बैंक कर्मचारियों से डील कर धोखाधड़ी का शक है। सिटी कोतवाली थाने में FIR दर्ज कराई गई है।
- अब जानिए ठग कंपनी ने कैसे की ठगी ?
दरअसल, मार्च 2024 में शासकीय आयुर्वेदिक कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर त्रिभुवन सिंह को एक अनजान नंबर से कॉल आया। कॉलर ने कहा कि क्या आपको लोन की जरूरत है, हमारी कंपनी लोन दिलाती है। कॉल में स्कीम और खुद किस्तें जमा करने का भरोसा भी दिलाया।
इससे असिस्टेंट प्रोफेसर स्कैमर्स की बातों में आ गए। प्रोफेसर को छोटापारा स्थित आरवी ग्रुप एडवाइजर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का पता दिया गया। इसके बाद त्रिभुवन स्कैमर्स के बताए पता पर पहुंचे। यहां मौजूद ऑफिस स्टाफ ने लोन से संबंधित जानकारी दी।
इस दौरान त्रिभुवन ने कहा कि सिविल स्कोर की जांच की जाएगी, तो तो स्टाफ ने कहा कि आपको कंपनी की गारंटी पर लोन मिल जाएगा। आपको केवल डॉक्यूमेंट देने होंगे। लोन लेने के लिए बैंक भी नहीं जाना पड़ेगा।
बिना बैंक जाए मिला अलग-अलग बैंकों से लोन
इसके बाद कंपनी के एक पार्टनर अभय गुप्ता ने पर्सनल लोन के नाम पर 5 अलग-अलग बैंकों से लोन दिलाया। इनमें चोलामंडलम से 12 लाख, इंडसइंड बैंक से 15 लाख, यस बैंक से 15 लाख, ICICI बैंक से 15 लाख और आदित्य बिरला बैंक से 15 लाख रुपए लोन शामिल है।
असिस्टेंट प्रोफेसर को लोन मिलने के बाद कंपनी ने एक स्कीम के बारे में बताकर झांसे में लिया। ठगों ने बताया कि लोन की 50% राशि कंपनी में जमा करने पर उसे इन्वेस्ट किया जाएगा, फिर उससे जो लाभ मिलेगा, आपकी लोन की किस्त चुकाई जाएगी।
इस स्कीम के फायदे सुनकर प्रोफेसर झांसे में आ गए। इसके बाद प्रोफेसर ने चेक के माध्यम से 36 लाख रुपए AMM सॉल्यूशन के नाम से अभय गुप्ता को दे दिए। कंपनी ने सितंबर 2024 तक 4-5 लोन की किस्तों के पैसे उन्हें दिए, फिर पैसे देना बंद कर दिया।
कंपनी ने 140 से अधिक लोगों से ठगी की
प्रोफेसर त्रिभुवन ने कंपनी के लोगों से संपर्क करने की कोशिश की तो टालमटोल शुरू हो गई। इसी बीच पता चला कि कंपनी ने 140 से अधिक लोगों से ठगी की है। उन्हें गलत जानकारी देकर बैंकों से लोन दिलाया और आधी रकम लेकर धोखाधड़ी की गई।
हालांकि कंपनी के खिलाफ अब तक 4 लोग सामने आए हैं, जिन्हें मिलाकर ठगी की कुल रकम 1 करोड़ 3 लाख के पार पहुंच गई है। 140 लोगों से करोड़ों की धोखाधड़ी की गई है, जो अब धीरे-धीरे सामने आ रहे हैं।
कंपनी के 4 पार्टनर, ऑफिस में सिर्फ 2 स्टाफ
प्रोफेसर त्रिभुवन के मुताबिक आरवी ग्रुप के 4 पार्टनर हैं। इनमें अभय कांत गुप्ता, मनोज प्रधान, सुरेंद्र सिंह और रागिफ हुसैन शामिल हैं। वहीं इन लोगों ने रायपुर के छोटापारा ऑफिस में 2 महिलाओं को बैठाया है।
पीड़ित के मुताबिक ऑफिस में आने वाले लोगों को ये दोनों महिला स्टाफ पैसे वापस करने का आश्वासन देती हैं। हालांकि पीड़ित का आरोप है कि कंपनी के लोग कभी भी फरार हो सकते हैं। इस वजह से उन्होंने पुलिस से जल्द एक्शन लेने की मांग की है।
पीड़ितों की संख्या और बढ़ सकती है
फिलहाल इस मामले में कोतवाली थाना प्रभारी सुधांशु बघेल का कहना है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए FIR दर्ज की गई हैं। इसमें पीड़ितों की संख्या और बढ़ सकती है। मामले में जांच पड़ताल कर जल्द आरोपियों से पूछताछ की जाएगी।