सीजी भास्कर, 2 अगस्त 2025 : छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शराब, कोयला और महादेव सट्टा एप घोटालों में अपना नाम सामने आने के बाद गिरफ्तारी से राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की है। उन्होंने अदालत से आग्रह किया है कि उन्हें इन मामलों में गिरफ्तार न किया जाए और जांच में सहयोग करने का पूरा अवसर दिया जाए।
यह याचिका ऐसे समय में दाखिल की गई है जब प्रवर्तन निदेशालय (ED) और अन्य केंद्रीय जांच एजेंसियों ने इन तीनों मामलों में जांच की गति तेज कर दी है। बघेल ने अपनी याचिका में आशंका जताई है कि राजनीतिक प्रतिशोध के तहत उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है। उन्होंने इस बात का भी उल्लेख किया कि जिस तरह उनके बेटे चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी की गई है, उसी तरह उन्हें भी निशाना बनाया जा सकता है।
चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी भी इन घोटालों से जुड़ी मानी जा रही है, हालांकि चैतन्य की ओर से दाखिल जमानत याचिका में कहा गया है कि न तो उनका नाम ईडी की प्राथमिकी में है और न ही किसी गवाह या आरोपी के बयान में उनका उल्लेख किया गया है। इसके बावजूद उन्हें राजनीतिक द्वेष का शिकार बनाकर गिरफ्तार किया गया है। चैतन्य फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं और उनकी याचिका पर भी सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है।
पूर्व मुख्यमंत्री बघेल ने अपनी याचिका में स्पष्ट किया है कि वे कानून का सम्मान करते हैं और किसी भी जांच एजेंसी से सहयोग करने को तैयार हैं, लेकिन उन्हें गिरफ्तारी से छूट दी जाए ताकि वे बिना किसी दबाव के अपना पक्ष स्पष्ट कर सकें।
इससे पहले, शराब घोटाले में ही आरोपी और जेल में बंद पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा भी सुप्रीम कोर्ट में अग्रिम जमानत की मांग कर चुके हैं। अब देखना यह है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला इस मामले में किस दिशा में जाता है, क्योंकि यह न सिर्फ बघेल परिवार बल्कि प्रदेश की राजनीति के लिए भी अहम मोड़ साबित हो सकता है।