29 मई 2025 :
Haj Committee UPSC Coaching Center: हज कमेटी ऑफ इंडिया (HCI) ने एक साल बाद अपनी प्रतिष्ठित यूपीएससी रेजिडेंशियल कोचिंग सुविधा को फिर से शुरू करने ऐलान किया है. मुंबई स्थित इस कोचिंग सेंटर को अब फिर से शुरू किया जाएगा, जिसमें 20 प्रतिशत सीटें अन्य अल्पसंख्यक (Minorities) समुदायों, अनुसूचित जातियों (SC), अनुसूचित जनजातियों (ST) और अन्य पिछड़े वर्गों (OBC) के अभ्यर्थियों के लिए आरक्षित होंगी.
इसके पहले जहां गैर-मुस्लिम अभ्यर्थियों को अनौपचारिक रूप से परीक्षा अवधि में आवासीय सुविधा दी जाती थी, अब यह पहली बार है जब चयन प्रक्रिया में उन्हें आधिकारिक रूप से शामिल किया गया है.
कोचिंग में दाखिला के लिए 13 जुलाई को प्रवेश परीक्षा
हज कमेटी के सीईओ शाहनवाज सी ने बताया, “संस्थान को अधिक समावेशी बनाने के लिए यह निर्णय पिछले साल लिया गया था. इससे प्रतियोगी माहौल को बढ़ावा मिलेगा और सिविल सेवा की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए स्वस्थ शैक्षणिक वातावरण तैयार होगा.” द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक इस बार 2026 की सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं. इसके लिए प्रवेश परीक्षा 13 जुलाई को देशभर के 21 केंद्रों पर आयोजित की जाएगी. इसके बाद निबंध लेखन और व्यक्तिगत साक्षात्कार होंगे, जिनके आधार पर 100 छात्रों का चयन किया जाएगा.
किस आधार पर आरक्षित होंगी सीटें?
जारी अधिसूचना के अनुसार, 100 में से 80 सीटें मुस्लिम अभ्यर्थियों के लिए और शेष 20 सीटें अन्य अल्पसंख्यक, SC, ST और OBC वर्गों के लिए आरक्षित की गई हैं. यह कोचिंग कार्यक्रम 11 अगस्त से शुरू होगा. यह केंद्र 2009 में स्थापित किया गया था और इसे हज यात्रियों से प्राप्त दान के माध्यम से वित्तपोषित किया जाता है. यह हज कमेटी द्वारा संचालित एकमात्र कोचिंग संस्थान है, जिसने अब तक लगभग 1,500 छात्रों को प्रशिक्षण दिया है, जिनमें से 25 को सिविल सेवा में सफलता मिली है.
2022 में सीटों की संख्या में कटौती के चलते हुए विरोध और कोविड महामारी के कारण विलंबित हुए प्रवेश चक्र के कारण यह संस्थान दिसंबर 2023 में अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया था. अब इसके पुनः आरंभ की घोषणा के साथ युवाओं में खुशी है. हालांकि, UPSC नियमों के अनुसार OBC वर्ग को 35 वर्ष और एससी-एसटी वर्ग को 37 वर्ष तक की आयु छूट मिलती है, लेकिन हज कमेटी ने अधिकतम आयु सीमा 30 वर्ष तय की है, ताकि युवा अभ्यर्थियों को प्राथमिकता दी जा सके.