सीजी भास्कर, 02 अक्टूबर। छत्तीसगढ़ पुलिस और सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता हाथ लगी है। कर्रेगुट्टा क्षेत्र के जंगल में सर्च ऑपरेशन के दौरान माओवादियों द्वारा गड्ढे में छिपाकर रखे गए भारी मात्रा में विस्फोटक (Maoist Explosives Seizure) बरामद किए गए हैं। इसके साथ ही महाराष्ट्र सीमा से माओवादी समर्थक सोनू उर्फ सन्नू अमलू मट्टामी को गिरफ्तार किया गया है। कार्रवाई के दौरान माओवादियों द्वारा बनाए गए दो स्मारकों को भी ध्वस्त कर दिया गया।
सर्च ऑपरेशन में मिली सफलता
पुलिस सूत्रों के अनुसार, मंगलवार को कर्रेगुट्टा के जंगल में संयुक्त टीम ने तलाशी अभियान चलाया। बीडीएस की टीम ने संदिग्ध स्थान पर खुदाई की तो वहां से विस्फोटक सामग्री, वर्दी और अन्य सामान बरामद हुए। माना जा रहा है कि इन सामग्रियों को किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने के लिए माओवादियों ने डंप किया था। बरामद सामग्री में गन पाउडर, बीजीएल सेल, कार्डेक्स वायर, आरडीएक्स, इलेक्ट्रिक और नॉन-इलेक्ट्रिक डेटोनेटर, तीर बम, आयरन रॉड, इम्प्रोवाइज्ड ग्रेनेड और बड़ी मात्रा में बैटरियां शामिल हैं। सुरक्षा एजेंसियों ने इसे (Maoist Explosives Seizure) की बड़ी कामयाबी बताया।
गिरफ्तारियां और कानूनी कार्रवाई
इसके साथ ही, गढ़चिरौली से पकड़े गए सोनू मट्टामी पर लंबे समय से निगरानी रखी जा रही थी। वहीं, एनआईए ने भी हिंसक गतिविधियों और धन उगाही में शामिल माओवादी समर्थकों पर कार्रवाई तेज कर दी है। एनआईए ने सुनीता पोटाम, शंकर मुचाकी और दशरथ उर्फ दासरु मोदियाम के खिलाफ विशेष कोर्ट में आरोपपत्र दायर किया है। ये सभी “मूलवासी बचाओ मंच” से जुड़े हुए थे, जो माओवादी नेटवर्क का अहम हिस्सा माना जाता है।
कोर्ट और एनआईए की कार्रवाई
एनआईए ने बिलासपुर कोर्ट में माओवादी जग्गू उर्फ रमेश कुरसम को पेश किया। उसे 24 सितंबर को रायपुर से उसकी पत्नी कमला के साथ गिरफ्तार किया गया था। दंपति पर कुल 13 लाख रुपये का इनाम घोषित था। कोर्ट ने रमेश कुरसम को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। माना जा रहा है कि यह दंपति शहरी क्षेत्रों में शीर्ष माओवादी हिंसकों के लिए ठिकानों की तलाश कर रहा था।
सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी उपलब्धि
सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि हालिया बरामदगी और गिरफ्तारियां छत्तीसगढ़ में माओवादी गतिविधियों के लिए बड़ा झटका हैं। लगातार सर्च ऑपरेशनों और तकनीकी निगरानी से माओवादियों की योजनाओं को नाकाम किया जा रहा है। अधिकारियों का मानना है कि ग्रामीण इलाकों में इस तरह की बरामदगी आगे भी हो सकती है और इसके लिए सुरक्षा बलों ने अपनी रणनीति और मजबूत कर ली है। यह पूरी कार्रवाई सरकार और सुरक्षा बलों के लिए (Maoist Explosives Seizure) की ऐतिहासिक सफलता कही जा रही है।