सीजी भास्कर, 10 नवम्बर। प्रदेश के उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा (Maoist Hidma News) सोमवार को दक्षिण बस्तर के माओवादी प्रभावित गांव पूवर्ति पहुंचे। यह वही इलाका है, जहां शीर्ष माओवादी हिड़मा और बारसे देवा सक्रिय रहे हैं। उप मुख्यमंत्री सीधे हिड़मा के घर पहुंचे और परिजनों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने हिड़मा की मां से भावुक अपील करते हुए कहा बेटे से कहो, आत्मसमर्पण कर ले। सरकार उसकी सुरक्षा की पूरी गारंटी देगी। अब ज्यादा समय नहीं बचा।
विजय शर्मा करीब तीन घंटे तक गांव में रुके। उन्होंने हिड़मा और बारसे देवा दोनों के परिजनों के साथ भोजन किया और कहा कि सरकार की पुनर्वास नीति माओवादियों को नई शुरुआत का मौका दे रही है। उन्होंने कहा, अब हथियार छोड़ने का वक्त है, विकास में शामिल होने का समय है।
(Maoist Hidma News) हिड़मा की मां से भावुक बातचीत
सुबह करीब 11 बजे उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा हेलीकॉप्टर से पूवर्ति कैंप पहुंचे। वहां से 200 मीटर पैदल और मोटरसाइकिल से हिड़मा के घर पहुंचे। स्थानीय ग्रामीणों की मदद से उन्होंने गोंडी भाषा में परिजनों से बात की। इस दौरान गांव के प्रमुख और बारसे देवा के परिवारजन भी मौजूद रहे। शर्मा ने कहा कि सरकार चाहती है कि सभी भटके हुए लोग मुख्यधारा में लौटें। हिड़मा की मां ने बातचीत के दौरान कहा कि वे अपने बेटे तक यह संदेश जरूर पहुंचाएंगी। बारसे देवा के परिजनों ने भी आत्मसमर्पण की अपील को गंभीरता से लेने का आश्वासन दिया।
विकास में शामिल हों, हथियार छोड़ें
विजय शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार ने मार्च 2026 तक माओवाद खत्म करने का लक्ष्य तय किया है। इसके लिए एक ओर बड़े ऑपरेशन चल रहे हैं, तो दूसरी ओर आत्मसमर्पण के लिए लगातार अपील की जा रही है। उन्होंने कहा कि अब हालात बदल चुके हैं, बस्तर बदल रहा है। जो लोग आत्मसमर्पण करेंगे, उन्हें न केवल सुरक्षा मिलेगी बल्कि रोज़गार और सम्मान का अधिकार भी दिया जाएगा। इसके बाद उन्होंने कैंप में जवानों से मुलाकात की, माओवादी विरोधी ऑपरेशन की समीक्षा की और चल रहे विकास कार्यों का भी जायजा लिया। इस दौरान बस्तर रेंज के आईजी सुंदरराज पी सहित वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौजूद रहे।
(Maoist Hidma News) आत्मसमर्पण और विश्वास बहाली
उप मुख्यमंत्री की इस यात्रा को माओवादियों के आत्मसमर्पण को प्रोत्साहित करने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, सरकार अब सीधे परिजनों से संवाद कर उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने की पहल कर रही है। राज्य सरकार ने आगामी मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ को माओवादी हिंसा से मुक्त करने का लक्ष्य रखा है। इसके तहत न केवल बड़े ऑपरेशन चल रहे हैं, बल्कि ग्रामीण इलाकों में विकास और पुनर्वास योजनाओं को तेज़ी से लागू किया जा रहा है।
