सीजी भास्कर, 24 नवंबर। माओवादी संगठन का तेजी से पतन जारी है (Maoist Surrender)। जहां एक ओर खूंखार माओवादी हिड़मा पुलिस एनकाउंटर में मारा गया, वहीं दूसरी ओर उसके साथ काम करने वाले चार मुख्य सहयोगियों सहित कुल 15 माओवादियों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। इनमें चार महिला माओवादी भी शामिल हैं और सभी पर कुल मिलाकर लगभग 48 लाख रुपये का इनाम घोषित था।
सोमवार शाम करीब 4 बजे जिला मुख्यालय स्थित नक्सल सेल कार्यालय में पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण और सीआरपीएफ अधिकारियों की मौजूदगी में सभी 15 नक्सलियों ने सरेंडर किया (Maoist Surrender)। इनमें से कई पीएलजीए बटालियन 01 और सीआरसी प्लाटून से जुड़े रहे हैं और दर्जनों नक्सली घटनाओं में शामिल रहे हैं। एसपी किरण चव्हाण ने बताया कि सभी माओवादियों को प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई है और उन्हें पुनर्वास नीति का पूरा लाभ दिया जाएगा।
(Maoist Surrender) सरेंडर करने वालों में कई बड़े नाम हैं
माड़वी सन्ना, डिप्टी कमांडर, पीएलजीए बटालियन-01, इनाम 8 लाख
सोड़ी हिड़मे, सदस्य, प्लाटून-2, पीएलजीए बटालियन-01, इनाम 8 लाख
सुर्यम उर्फ रव्वा, कमांडर, सीआरसी प्लाटून-01, इनाम 8 लाख
मीना उर्फ माड़वी भीमे, डिप्टी कमांडर, सीआरसी प्लाटून-01, इनाम 8 लाख
सुनिता उर्फ कुहराम, डिप्टी कमांडर, प्लाटून-26, इनाम 5 लाख
मड़कम पांडू, पामेड़ एरिया कमेटी कमांडर-इनचीफ, इनाम 5 लाख
कुंजाम सिंगा, डिप्टी कमांडर, गोलापल्ली एलओएस, इनाम 3 लाख
माड़वी सोमड़ी, अध्यक्ष, गोमपाड़ आरपीसी, इनाम 2 लाख
माड़वी पोज्जे, इनाम 1 लाख
हथियार छोड़कर आए, पहले संगठन से ली अनुमति
पुलिस के अनुसार, आत्मसमर्पण करने पहुंचे सभी माओवादी बिना हथियार के थे। उन्होंने पहले संगठन में सरेंडर की अनुमति मांगी, फिर अपने हथियार संगठन को वापस जमा कराए और उसके बाद पुलिस के संपर्क में आए (Maoist Surrender)। बस्तर क्षेत्र में सक्रिय माओवादी वहीं आत्मसमर्पण कर रहे हैं, जबकि आंध्र–तेलंगाना के माओवादी अपने-अपने राज्यों में सरेंडर कर रहे हैं।
