सीजी भास्कर, 17 अक्टूबर। छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी अभियान को बड़ी सफलता मिलने जा रही है। शुक्रवार को कुल 190 माओवादी मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के समक्ष आत्मसमर्पण (Maoist Surrender Chhattisgarh) करने जा रहे हैं। इस ऐतिहासिक समर्पण कार्यक्रम के लिए बस्तर का जगदलपुर पूरी तरह तैयार है।
जानकारी के अनुसार अबूझमाड़ जंगल में सक्रिय माड़ डिविजन के करीब 140 माओवादी गुरुवार को समर्पण के लिए निकले थे। इनका नेतृत्व संगठन के प्रवक्ता माओवादी रूपेश और डिविजन सचिव रणिता कर रहे हैं। यह दल इंद्रावती नदी पार कर भैरमगढ़ क्षेत्र में पुलिस सुरक्षा घेरे में पहुंच चुका है, जहां से उन्हें जगदलपुर लाया जा रहा है।
इस समूह में दो जोनल कमेटी सदस्य, 15 डिविजनल कमेटी सदस्य, और 121 एरिया कमेटी व जनमिलिशिया कैडर शामिल हैं। इनके पास एके-47 समेत 71 हथियार हैं। वहीं, कांकेर में पहले ही आत्मसमर्पण कर चुके माओवादी भास्कर और राजू सलाम के नेतृत्व में 50 और माओवादी भी (Maoist Surrender Chhattisgarh) कार्यक्रम में शामिल होने के लिए जगदलपुर पहुंचाए जा रहे हैं।
एक सप्ताह पूर्व माड़ डिवीजन की सचिव रणिता ने एक पत्र जारी कर कहा था कि 100 से अधिक माओवादी 15 अक्टूबर तक समर्पण करेंगे। इससे पहले छह करोड़ के इनामी माओवादी भूपति ने माड़ डिवीजन के 60 साथियों के साथ महाराष्ट्र में समर्पण किया था। अब माड़ डिविजन के 140 और रावघाट एरिया कमेटी के 50 माओवादी भी मुख्यधारा में लौटने का निर्णय ले चुके हैं।
अबूझमाड़ में बसव राजू सहित 89 माओवादी मारे जा चुके हैं, जबकि दक्षिण बस्तर सब-जोनल प्रमुख और केंद्रीय समिति सदस्य सुजाता तथा सुधाकर की पत्नी ककराला सुनीता सहित 200 से अधिक माओवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं। (Maoist Surrender Chhattisgarh) जनवरी 2024 से भाजपा सरकार बनने के बाद से अब तक 2,100 माओवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं, 1,785 गिरफ्तार किए गए हैं और 477 का सफाया किया गया है। सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि माओवाद का प्रभाव अब बस्तर के सीमित इलाकों में ही सिमट गया है।