CG BhaskarCG Bhaskar
Aa
  • ट्रेंडिंग
  • देश-दुनिया
  • राज्य
  • राजनीति
  • खेल
  • मनोरंजन
  • स्वास्थ्य
  • अपराध
  • धर्म
  • शिक्षा
  • अन्य
Aa
CG BhaskarCG Bhaskar
Search
  • ट्रेंडिंग
  • देश-दुनिया
  • राज्य
  • राजनीति
  • खेल
  • मनोरंजन
  • स्वास्थ्य
  • अपराध
  • धर्म
  • शिक्षा
  • अन्य
Follow US
Home » वैदिक/हिंदू रीति-रिवाजों से संपन्न विवाह वैध, HC ने कहा- “विवाह स्थल नहीं, संस्कार जरूरी”

वैदिक/हिंदू रीति-रिवाजों से संपन्न विवाह वैध, HC ने कहा- “विवाह स्थल नहीं, संस्कार जरूरी”

By Newsdesk Admin 18/04/2025
Share

सीजी भास्कर 18 अप्रैल। Prayagraj हाई कोर्ट ने एक केस की सुनवाई में विवाह की मान्यता को लेकर बात की है।

कोर्ट ने कहा कि हिंदू धर्म के पारंपरिक रीति-रिवाजों और समारोहों के अनुसार संपन्न विवाह, चाहे किसी भी स्थान पर हो चाहे वह मंदिर, घर या कोई खुली जगह हो वो वैध होगा।

कोर्ट के पास आर्य समाज मंदिर में एक हिंदू जोड़े की शादी का मामला सामने आया था। इस विवाह की वैधता को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे थे, जिसको लेकर कोर्ट ने फैसला सुनाया।

प्रयागराज हाईकोर्ट ने कहा है कि आर्य समाज मंदिर में दो हिंदुओं (एक पुरुष और एक स्त्री ) का विवाह भी हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 7 के तहत वैध हैं। अगर वो वैदिक या अन्य प्रासंगिक हिंदू रीति-रिवाजों और समारोहों के अनुसार किया गया हो।

जज ने क्या-क्या कहा? : जस्टिस अरुण कुमार सिंह देशवाल की बेंच ने कहा कि आर्य समाज मंदिर में विवाह वैदिक पद्धति के अनुसार संपन्न होते हैं, जिसमें कन्यादान, पाणिग्रहण, सप्तपदी और सिंदूर लगाते समय मंत्रोच्चार जैसे हिंदू रीति-रिवाज और संस्कार शामिल होते हैं और ये समारोह 1955 अधिनियम की धारा 7 की जरूरतों को पूरा करते हैं।

न्यायालय ने यह भी साफ किया कि अगर आर्य समाज की तरफ से जारी प्रमाण पत्र में विवाह की प्रथम दृष्टया वैधता का वैधानिक बल नहीं हो सकता है। फिर भी ऐसे प्रमाण पत्र ‘बेकार कागज’ नहीं हैं, क्योंकि उन्हें मामले की सुनवाई के दौरान भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023 के प्रावधानों के अनुसार पुरोहित (जिसने विवाह संपन्न कराया था) की तरफ से सिद्ध किया जा सकता है।

कोर्ट ने याचिका को किया रद्द : कोर्ट ने महाराज सिंह की याचिका खारिज कर दी, जिसमें उसने अपनी पत्नी द्वारा भारतीय दंड संहिता की धारा 498-ए के तहत एसीजेएम बरेली की कोर्ट में चल रही आपराधिक कार्यवाही को रद्द करने की मांग की थी।

तर्क दिया था कि चूंकि उसका कथित विवाह विपक्षी संख्या 2 के साथ आर्य समाज मंदिर में हुआ था, इसलिए उसे वैध विवाह नहीं माना जा सकता। इसलिए, धारा 498-ए आईपीसी के तहत उसके खिलाफ केस नहीं चलाया जा सकता।

याचिकाकर्ता ने कहा कि वास्तव में आर्य समाज मंदिर में कोई विवाह नहीं हुआ था और उनकी पत्नी ने जो विवाह प्रमाणपत्र सामने रखा है, जिसे कथित रूप से आर्य समाज की तरफ से जारी किया गया था, जाली एवं मनगढ़ंत था।

“विवाह अवैध नहीं हो सकता” : सरकारी वकील ने कहा कि विपक्षी के बयान और उसके गवाह (पुरोहित), जिसने विवाह संपन्न कराया था।

बयान के अवलोकन से यह साफ है कि विवाह हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार संपन्न हुआ था। यह भी तर्क दिया गया कि सिर्फ इसलिए कि विवाह आर्य समाज मंदिर में हुआ है, वह अवैध नहीं हो जाएगा।

कोर्ट ने हिंदू विवाह को लेकर क्या कहा? न्यायालय ने हिंदू विवाह के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संदर्भ पर विस्तार से रोशनी डाला और कहा कि –

हिंदू धर्म, जिसे सनातन धर्म (जिसका अर्थ है ‘शाश्वत धर्म’) के रूप में भी जाना जाता है, दुनिया का सबसे पुराना धर्म है। यह भी माना कि हिंदू धर्म एक गतिशील और विकासशील परंपरा है, जो हमेशा सुधार के लिए खुला रहा है।

इसके अलावा, कोर्ट ने आर्य समाज की सुधारवादी विरासत पर भी बात की और कहा कि –

आर्य समाज भी एक मिशन है जिसकी स्थापना महान संत और समाज सुधारक स्वामी दयानंद सरस्वती ने 10 अप्रैल, 1875 को बॉम्बे में की थी। यह एक एकेश्वरवादी हिंदू सुधार आंदोलन था जो एक ईश्वर में विश्वास करता था और जन्म के आधार पर जाति व्यवस्था का विरोध करता था।

कोर्ट ने कहा कि विवाह आर्य समाज के राधा रानी मंदिर में हिंदू रीति-रिवाजों और संस्कारों के अनुसार संपन्न हुआ था। इसलिए, नियम, 1973 या विवाह पंजीकरण नियम, 2017 के तहत पंजीकरण न होने के बावजूद विवाह वैध था। क्योंकि गैर-पंजीकरण वैध विवाह को अमान्य नहीं बनाता है।

You Might Also Like

गुजरात में तेंदुए का कहर: रात में झोपड़ी से उठा ले गया 2 साल का मासूम, आम के बाग में मिला क्षत-विक्षत शव

रेशने आवास जलभराव प्रभावितों को अब मिलेगा 6500 का चेक, MLA रिकेश ने कहा – रक्षाबंधन की मिठाई….., देखिए सूची

रिसर्च छात्रा ब्लैकमेल केस: छात्राओं की तस्वीरों से बनाता था अश्लील कंटेंट, लैपटॉप से खुला राज

धीरेंद्र शास्त्री को ‘महिला तस्कर’ कहने पर बवाल, प्रोफेसर रविकांत पर FIR दर्ज, बागेश्वर धाम से जुड़ा नया विवाद

नेशनल अवॉर्ड मिलने पर शाहरुख खान को शशि थरूर ने दी बधाई…

TAGGED: allahabad high court, bhilainews, Breaking news, Chhattisgarh, Chhattisgarh news, high court live, High court news, india, Madhya Pradesh News, police, Prayagraj breaking news, Prayagraj high court, Raipur Breaking
Newsdesk Admin 18/04/2025
Share this Article
Facebook Twitter Whatsapp Whatsapp Telegram
Share
Previous Article गरीबों की मसीहा है मुंबई इंडियंस के इस खिलाड़ी की Girlfriend, मिली जब ये खुशी जम कर की Pizza 🍕 पार्टी
Next Article PM मोदी और एलन मस्क के बीच बातचीत, टेक्नोलॉजी और इनोवेशन को लेकर हुई चर्चा

You Might Also Like

घटना दुर्घटनाराज्य

गुजरात में तेंदुए का कहर: रात में झोपड़ी से उठा ले गया 2 साल का मासूम, आम के बाग में मिला क्षत-विक्षत शव

04/08/2025
ट्रेंडिंगफीचर्डभिलाई-दुर्गराज्यसामाजिक

रेशने आवास जलभराव प्रभावितों को अब मिलेगा 6500 का चेक, MLA रिकेश ने कहा – रक्षाबंधन की मिठाई….., देखिए सूची

04/08/2025
अपराधदेश-दुनिया

रिसर्च छात्रा ब्लैकमेल केस: छात्राओं की तस्वीरों से बनाता था अश्लील कंटेंट, लैपटॉप से खुला राज

04/08/2025
धर्मराज्य

धीरेंद्र शास्त्री को ‘महिला तस्कर’ कहने पर बवाल, प्रोफेसर रविकांत पर FIR दर्ज, बागेश्वर धाम से जुड़ा नया विवाद

04/08/2025
छत्तीसगढ़ प्रदेश का एक विश्वसनीय न्यूज पोर्टल है, जिसकी स्थापना देश एवं प्रदेश के प्रमुख विषयों और खबरों को सही तथ्यों के साथ आमजनों तक पहुंचाने के उद्देश्य से की गई है। इसके साथ ही हम महत्वपूर्ण खबरों को अपने पाठकों तक सबसे पहले पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
क्विक लिंक्स
  • ट्रेंडिंग
  • देश-दुनिया
  • राज्य
  • राजनीति
  • खेल
  • मनोरंजन
  • स्वास्थ्य
  • अपराध
  • धर्म
  • शिक्षा
  • अन्य

हमारे बारे में

मुख्य संपादक : डी. सोनी

संपर्क नंबर : +91 8839209556

ईमेल आईडी : cgbhaskar28@gmail.com

© Copyright CGbhaskar 2025 | All Rights Reserved | Made in India by MediaFlix

Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?