रायपुर | 26 जून 2025
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर की महापौर मीनल चौबे ने मध्यप्रदेश के इंदौर से अपनी स्वच्छता नवाचार यात्रा पूरी करने के बाद गुरुवार को महात्मा गांधी सदन, नगर निगम मुख्यालय में प्रेस वार्ता ली। अपने दौरे की जानकारी साझा करते हुए उन्होंने रायपुर को इंदौर की तर्ज़ पर स्वच्छ बनाने के नए वादे किए।
प्लास्टिक पर बैन, सूखा-गीला कचरा अलग, खुली नालियों पर ढक्कन
महापौर ने कहा कि रायपुर में अब प्लास्टिक के इस्तेमाल पर जल्द प्रतिबंध लगाया जाएगा। उन्होंने बताया कि गीले और सूखे कचरे का अलग-अलग कलेक्शन अनिवार्य किया जाएगा, और इसका सख्ती से पालन कराया जाएगा।
साथ ही शहर में फैली खुली नालियों को पूरी तरह से कवर करने की योजना बनाई जा रही है। इन कामों की मॉनिटरिंग का ज़िम्मा महिला NGO कार्यकर्ताओं को दिया जाएगा। इसके अलावा डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन की गाड़ियों की निगरानी के लिए 20 सदस्यीय कमेटी का गठन किया जाएगा।
बारिश और मच्छरों से निपटने का क्या है प्लान?
रायपुर में मानसून के दौरान होने वाला जलभराव, नालियों की ब्लॉकेज और मच्छरों का आतंक हर साल की बड़ी समस्या रही है। महापौर मीनल चौबे ने दावा किया कि प्रशासन ने इस बार अभी से तैयारी शुरू कर दी है।
उन्होंने बताया कि शहरभर में ब्लॉक हुई नालियों की पहचान कर उनकी सफाई करवाई जा रही है, और मच्छर नियंत्रण के लिए विशेष अभियान तैयार किया गया है।
इंदौर की सफाई व्यवस्था का फिर से बेंचमार्क बनने का दावा
महापौर ने कहा कि रायपुर को भी इंदौर की तरह चमकाने का लक्ष्य है। लेकिन रायपुरवासियों के मन में यह सवाल फिर से उठने लगा है—क्या इस बार भी वही पुरानी कहानी दोहराई जा रही है?
पहले भी हुए थे दौरे, लेकिन परिणाम रहे शून्य
यह पहला मौका नहीं है जब निगम प्रतिनिधियों ने इंदौर का दौरा किया हो। इससे पहले पूर्व महापौर के कार्यकाल में भी कई बार इंदौर की सफाई मॉडल को अपनाने की बात की गई। हर बार वादा किया गया कि रायपुर को भी साफ और सुंदर बनाया जाएगा, लेकिन जमीनी हकीकत में कोई ठोस बदलाव नहीं दिखा।
आज भी शहर के कई हिस्से गंदगी, नालियों के ओवरफ्लो, जलभराव, गड्ढों और मच्छरों से त्रस्त हैं।