धमतरी , 19 मार्च 2025 :
छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में पहली बार एक महिला ने 4 बच्चों को एक साथ जन्म दिया है। इनमें तीन बेटियां और एक बेटा शामिल है। इससे पहले महिला का 2 बार मिसकैरेज (गर्भपात) हो गया था लेकिन 4 साल बाद घर में चार गुना खुशियां आई।
इनका जन्म समय से पहले यानि 7वें महीने में ऑपरेशन से हुआ है, जिन्हें ICU में रखा गया है। रविवार (16 मार्च) को जन्में पहले नंबर की बच्ची का वजन 1.5 kg, दूसरा 1.3 kg, तीसरा 1.1 kg, और चौथे बच्चे का वजन 900 ग्राम है।
4 साल पहले हुई थी शादी
कौहाबाहरा गांव के रहने वाले नंदेश्वरनेताम (30) और लक्ष्मी नेताम (30) की शादी 4 साल पहले हुई थी। दोनों की पढ़ाई भी साथ में हुई और 2020 में अरेंज मैरिज हुई।
बच्चों के पिता नंदेश्वर नेताम ने बताया वह मजदूरी और कृषि कार्य करते हैं और उनकी पत्नी लक्ष्मी नेताम घर में सिलाई कार्य करती है। शुरू में 2 बार तक लगातार मिसकैरेज हो जाता था। लेकिन 4 साल बाद उन्हें संतान की प्राप्ति हुई।
नंदेश्वर नेताम ने कहा कि इस बार की प्रेग्नेंसी में पांचवे महीने में सोनोग्राफी कराए तब पता पता चला कि चार बच्चे हैं। उन्होंने कहा कि यकीन ही नहीं हो रहा था कि चार बच्चे हुए। इससे परिवार जनों में काफी खुशी है।
4 बच्चे की डिलवरी होना रेयर मामला
बता दें कि धमतरी के निजी नर्सिंग होम अस्पताल में महिला ने 4 बच्चों को जन्म दिया है। चारों बच्चों को आईसीयू में रखा गया है। डॉक्टर रोशन उपाध्याय ने बताया कि मामला ज्यादा गंभीर होने के कारण परिवार वालों की सहमति से बच्चों को ऑपरेशन कर निकाला गया।
मां और बच्चे दोनों स्वस्थ्य
डॉक्टर उपाध्याय ने बताया कि सामान्य बच्चे करीब 36 हफ्ते नॉर्मल माना जाता है लेकिन इससे पहले 32 हफ्ते में ही महिला ने 4 बच्चो को जन्म दिया है। अभी अस्पताल के शिशु गहन कक्ष (NICU) में बच्चों का इलाज जारी है, दोनों स्वस्थ है।
4 और 5 बच्चा का मामला दुर्लभ
डॉक्टर ने कहा कि आईवीएफ इलाज के बाद 2 से 3 बच्चे एक साथ होते हैं। लेकिन बिना IVF के इस तरह का मामला रेयर होता है। महिला सरकारी अस्पताल से इलाज करवा रही थी। डॉक्टर ने कहा कि 2 से 3 बच्चे तो सामान्य देखे जाते हैं। 4 और 5 बच्चा का मामला दुर्लभ है।
ऑपरेशन में आधे घंटे लगे
डॉक्टर रश्मि उपाध्याय ने बताया कि गर्भवती जब नर्सिंग होम में आई तो बीपी बढ़ा हुआ था और शरीर सूजा हुआ था। ऐसे में जुड़वा बच्चे होने के ज्यादा चांस होते है।
बीपी बढ़ने के कारण 9 महीने रखना मुश्किल था। अगर बच्चे को नहीं निकाला जाता तो मां की जान को खतरा हो सकता था। इसलिए समय से पहले बच्चे को निकलना पड़ा। ऑपरेशन में आधा घंटा लगा। एक के बाद एक बच्चे को निकलते गए।
केरल में है सर्वाधिक बच्चों का रिकार्ड
डॉक्टर ने बताया कि देश के केरल के मल्लपुरम जिले में गोंडीहानी गांव है। वहां पर सर्वाधिक बच्चों का रिकार्ड देखा गया है। लेकिन इससे पहले धमतरी जिले में 2 बार 3 बच्चों के जन्म का रिकार्ड देखा गया है और अब चार बच्चे का रिकॉर्ड बना है।
पहला मामला 2010 का है जहां एक साथ तीन बच्चों ने जन्म लिया था। वही 5 से 6 साल पहले भी एक साथ तीन बच्चों ने जन्म लिया था। इसके बाद जिले में 2025 में पहली बार अब चार बच्चों ने एक साथ जन्म लिया है।