सीजी भास्कर, 20 दिसंबर। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा सदस्य एस. सेंथिल ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज, नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत और प्रभारी सचिव विजय जांगिड की उपस्थिति में पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुए मोदी सरकार पर मनरेगा (MNREGA) अधिकार छीने जाने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने “सुधार” के नाम पर लोकसभा में पास किए गए नए बिल के जरिए दुनिया की सबसे बड़ी रोजगार गारंटी योजना मनरेगा (MNREGA) को खत्म कर दिया है। यह कदम महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज, काम की गरिमा और डिसेंट्रलाइज्ड डेवलपमेंट के सपनों का अपमान है।
सेंथिल ने कहा कि पिछले 12 करोड़ NREGA मजदूरों के अधिकारों को बेरहमी से कुचला गया है। 2014 से पीएम मोदी मनरेगा (MNREGA) के खिलाफ रहे हैं और इसे कांग्रेस की नाकामी की निशानी बताते रहे हैं।
मोदी सरकार ने बजट में कटौती, राज्यों से फंड रोकना, जॉब कार्ड हटाना और आधार आधारित पेमेंट जैसे उपायों के जरिए लगभग 7 करोड़ मजदूरों को बाहर कर दिया। इसके परिणामस्वरूप पिछले पांच सालों में मनरेगा (MNREGA) मजदूरों को सालाना केवल 50-55 दिन काम देने तक सीमित रह गई।
सेंथिल ने यह भी कहा कि नया फ्रेमवर्क मनरेगा (MNREGA) को केंद्र नियंत्रित, कंडीशनल स्कीम में बदल देता है। राज्य अब मजदूरों को तय समय के अनुसार काम देने के लिए मजबूर रहेंगे।
केंद्र की मर्जी पर आधारित यह व्यवस्था मूल अधिकारों का हरण है। उन्होंने बताया कि मनरेगा पहले 100 प्रतिशत केंद्र फंडेड थी, अब राज्यों को 40 प्रतिशत खर्च उठाने की मजबूरी है जबकि केंद्र नियम और क्रेडिट पर पूरा नियंत्रण रखता है।
सेंथिल ने केंद्र की इस नीति को “वेलफेयर का अपमान” बताते हुए कहा कि इससे ग्रामीण रोजगार, किसानों की मजदूरी और गरीब परिवारों की आर्थिक सुरक्षा पर गंभीर असर पड़ेगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि मनरेगा (MNREGA) का डिमांड-ड्रिवन नेचर खत्म किया जा रहा है और इसे एलोकेशन आधारित केंद्र नियंत्रित स्कीम में बदला जा रहा है।
उन्होंने नेशनल हेराल्ड केस में भी मोदी-शाह सरकार की राजनीति पर सवाल उठाया। कोर्ट ने कांग्रेस नेताओं के खिलाफ दर्ज आरोपों को आधारहीन ठहराया और ED की मनमानी कार्रवाई को फटकार लगाई। सेंथिल ने कहा कि यह साबित करता है कि सत्ता का इस्तेमाल राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को दबाने के लिए किया जा रहा था।
कांग्रेस पार्टी ने कहा कि वे इस जन-विरोधी और मजदूर-विरोधी कदम के खिलाफ सड़क से संसद तक विरोध जारी रखेंगे। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को इस्तीफा देने की मांग दोहराई और कहा कि 500 मिलियन भारतीयों के सामने सच हमेशा जिंदा रहेगा।


